बिहार में रोजगार के अवसर के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य भर में 202 कृषि क्लिनिक स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए नीतीश सरकार की ओर से 2 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा,विभाग को राज्य के 101 उपमंडलों में 202 कृषि क्लीनिक स्थापित करने के लिए 646 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में गठित चयन समिति अंतिम रूप से 202 आवेदनों का चयन करेगी, कृषि क्लिनिक स्थापित करने के इच्छुक अभ्यर्थियों से 15 जनवरी 2024 तक आवेदन आमंत्रित किये गये थे। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 4 करोड़ 24 लाख रुपये की मंजूरी भी दे दी है।
राज्य भर में खुलेंगे 202 कृषि क्लिनिक
कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि कृषि विभाग में युवाओं को नियमित नौकरी के साथ-साथ स्वरोजगार के भी अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं, कृषि क्लिनिक के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार मिलेगा। किसानों को फसल की बीमारियों से बचाने की सलाह के साथ-साथ दवा आदि के छिड़काव के लिए आवश्यक उपकरण भी उचित मूल्य पर उपलब्ध होंगे।
कृषि क्लिनिक स्थापित करने के लिए प्रत्येक आवेदक को राज्य सरकार से 2 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। कृषि क्लिनिक में किसानों को फसल उत्पादन से संबंधित लगभग सभी सेवाएँ प्रदान की जाएंगी। मृदा परीक्षण, बीज विश्लेषण, कीट प्रबंधन के लिए सुझाव, पौधों की सुरक्षा और छिड़काव के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीकी विस्तार सेवाएँ उपलब्ध होंगी। इससे किसान अपनी फसलों को खराब होने से बचा सकेंगे, आप अपनी आय भी बढ़ाने में सफल रहेंगे।
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी
बिहार के 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 2 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। यह सभी वर्ग यानी सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, एससी और एसटी वर्ग के लोगों को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी, बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।
बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने बताया कि जाति आधारित गणना के अनुसार राज्य में गरीब परिवारों की संख्या 94,33,312 है। इन परिवारों के प्रत्येक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये अनुदान के रूप में दिये जायेंगे, इस उद्देश्य से राज्य मंत्रिपरिषद ने बिहार लघु उद्यमी योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि यह राशि लाभार्थियों को तीन किस्तों में दी जाएगी। प्रथम वर्ष में 25 प्रतिशत, दूसरे वर्ष में 50 प्रतिशत तथा तीसरे वर्ष में 25 प्रतिशत राशि देय होगी। यह योजना पांच वर्ष के लिए लागू की गई है। वर्ष 2023-24 में 250 करोड़ रूपये, वर्ष 2024-25 में नाममात्र 1000 करोड़ रूपये कुल 1250 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
62 उद्योगों के लिए सहायता दी जाएगी
इसके तहत 62 उद्योगों को सहायता प्रदान की जायेगी, योजना के क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इतना ही नहीं, जिला स्तर पर निगरानी के लिए संबंधित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में अलग से छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, यदि कोई उद्योग छूट गया है तो समिति उन्हें भी इस सूची में शामिल करने पर विचार करेगी।
इस योजना के लिए केवल 18 से 50 वर्ष की आयु वाले बिहार के निवासी ही पात्र होंगे। लाभार्थियों की पारिवारिक आय 6 हजार रूपये प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए। योजना के लिए हर वर्ष ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जायेंगे। अधिक आवेदन प्राप्त होने पर लाभार्थियों का चयन कम्प्यूटरीकृत रैंडम तरीके से किया जाएगा।