पटना हाईकोर्ट ने 10वीं के छात्रों को बड़ी राहत देते हुए बिहार शिक्षा विभाग के प्रमुख केके पाठक के आदेश को रद्द कर दिया है। इस कोर्ट का फैसला छात्रों के पक्ष में बताया जा रहा है, आपको बता दें कि अब बिहार बोर्ड 10वीं के छात्र किसी अन्य स्कूल की 11वीं में एडमिशन ले सकते हैं।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से जारी उस पत्र को खारिज कर दिया है, जिसमें छात्रों को उसी स्कूल में 11वीं में एडमिशन लेने के लिए मजबूर किया गया था, जहां से उन्होंने 10वीं पास की है. बिहार शिक्षा विभाग ने यह पत्र 08 मई 2024 को जारी किया था। इसके साथ ही जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने प्रतिवादियों को छह सप्ताह के भीतर अपने-अपने जवाबी हलफनामे दाखिल करने का भी निर्देश दिया। निधि कुमारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने आवेदन पत्र में दिए गए विकल्प के आधार पर 11वीं में नामांकन के लिए सीटें आवंटित करने का निर्देश दिया। राज्य की शीर्ष अदालत का मानना है कि बिहार के माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पत्र के जरिए छात्रों को अपनी पसंद के स्कूल में एडमिशन लेने से रोका था।
छात्रों को अब स्कूल और स्ट्रीम बदलने का मौका मिलेगा
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 11वीं कक्षा में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले छात्रों को अपना स्कूल और स्ट्रीम बदलने का मौका दिया है। छात्र 08 से 11 जून के बीच बदलाव कर सकते हैं। इसके लिए छात्रों को OFSS की वेबसाइट ofssbihar.org पर जाना होगा।
बिहार के शिक्षा विभाग ने 08 मई 2024 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सरकारी स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास करने वाले छात्र उसी स्कूल की 11वीं कक्षा में एडमिशन लेंगे। जिसके बाद कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है।
पटना उच्च न्यायालय का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने निधि कुमारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह छात्रों के आवेदन पत्र में दिए गए विकल्प के आधार पर 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए सीट आवंटित करे। कोर्ट ने माना कि उस पत्र के जरिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छात्रों के अपनी पसंद के संस्थान में दाखिला लेने के अधिकार को सीमित कर दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के 8 मई 2024 के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को निर्देश दिया गया था कि वह छात्रों का उसी सरकारी स्कूल में इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन कराए, जहां से छात्रों ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने प्रतिवादियों को छह सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
Related Post
Expert Tips for BSEB Final Exam 2025: बिहार बोर्ड परीक्षा में इन गलतियों से बचें, कक्षा 12वीं एवं 10वीं एग्जाम के लिए एक्सपर्ट टिप्स
Expert Tips for BSEB Final Exam 2025: बिहार बोर्ड की वार्षिक परीक्षा 2025 शुरू होने में बहुत कम समय बचा है। Bihar School Examination Board की ओर से ...
Mobile Prohibited In BSEB Examination Centre: बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा केंद्र पर शिक्षकों और अन्य कर्मियों को मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित
Mobile Prohibited In BSEB Examination Centre: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की इंटरमीडिएट परीक्षा कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है। परीक्षा को कदाचारमुक्त बनाने के लिए शिक्षा ...
Seating Arrangement According to Question Paper Number and Roll Number: बिहार बोर्ड परीक्षा 2025 में बैठने की व्यवस्था प्रश्न पत्र संख्या और रोल नंबर के अनुसार होगी
Seating Arrangement According to Question Paper Number and Roll Number: बिहार बोर्ड परीक्षा 2025 में हर केंद्र पर अभ्यर्थियों की सीट मार्क की जाएगी। हर छात्र का रोल ...
Gel Pen is Not Allowed in BSEB Exam: बिहार बोर्ड ने छात्रों को वार्षिक परीक्षा 2025 में इस पेन का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया
Gel Pen is Not Allowed in BSEB Exam: Bihar School Examination Board द्वारा इस वर्ष परीक्षा 2025 में शामिल होने वाले सभी छात्रों को आदेश दिया हैं की, ...