बिहार के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए अब एडवांस टाइम टेबल तैयार करना होगा। सप्ताह के पहले दिन सभी कक्षाओं में स्कूल का नोटिस बोर्ड और टाइम टेबल चस्पा कर दिया जाएगा, और उसी के आधार पर बच्चे पूरे सप्ताह कक्षाओं में पढ़ाई करेंगे।
निरीक्षण अधिकारी स्कूलों में निरीक्षण के लिए पहुंचेंगे तो इसकी जांच भी करेंगे। फैक्ट चेक के लिए बच्चों से पूछा जाएगा कि निरीक्षण वाले दिन क्लास में क्या पढ़ाया गया और अगले दिन क्या पढ़ाया जाएगा। साथ ही जिला स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में स्कूलों के एचएम के साथ इसकी रिपोर्ट भी ली जायेगी।
मुजफ्फरपुर डीईओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि निदेशालय की ओर से 24 जुलाई 2023 से स्कूलों में चल रही गतिविधियों की प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करने का निर्देश जारी किया गया है। इसके लिए जिले के 10 सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों का चयन करना है, जहां वीसी के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हों। जिन स्कूलों में स्मार्ट क्लास के उपकरण चालू हालत में होंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
- 1 प्राथमिक स्कूलों के एचएम से होगी इन बिंदुओं पर समीक्षा
- 2 पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा सह पुनरीक्षण की तैयारी
- 3 जुलाई के अंतिम सप्ताह तक सभी स्कूलों में कैलेंडर उपलब्ध करा दिया जायेगा
- 4 सरकारी स्कूलों में लगेगा नैतिक कैलेंडर
- 5 माता-पिता बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के साथ ही उनकी इच्छाओं को भी समझेंगे
- 6 माता-पिता बच्चों की बात सुनने के लिए प्रेरित होंगे
प्राथमिक स्कूलों के एचएम से होगी इन बिंदुओं पर समीक्षा
- बालक-बालिकाओं की उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक करने पर विशेष जोर दिया गया।
- छात्रों की उपस्थिति स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगी है या नहीं।
- खेल – प्रश्नोत्तरी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, इको क्लब, आखिरी बार वृक्षारोपण कब हुआ था?
- विज्ञान प्रयोगशाला में कक्षाएं आयोजित की गईं और प्रयोगशाला का वास्तव में उपयोग किया गया था या नहीं।
- जहां स्मार्ट क्लास है वहां पेन ड्राइव से शिक्षण सामग्री दिखायी गयी या नहीं।
- शौचालयों की साफ-सफाई की समीक्षा।
- डीबीटी से आच्छादित योजनाओं की प्रगति।
- माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों के लिए निर्धारित अंक।
- प्राथमिक विद्यालयों के लिए निर्धारित सभी मामले।
- विकास निधि एवं छात्र निधि में उपलब्ध धनराशि का विवरण।
- विकास निधि एवं छात्र निधि से क्या-क्या कार्य किये गये।
इसके साथ ही राज्य के सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाई जाने वाली किताबों का लुक बदल जाएगा, इसको लेकर एससीईआरटी की ओर से तैयारी शुरू कर दी गयी है। वर्तमान पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गई है। टीम के सदस्यों के लिए 17 से 21 जुलाई 2023 तक राज्य शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद परिसर स्थित नेहरू छात्रावास में पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा सह पुनरीक्षण की तैयारी
छठी से आठवीं कक्षा तक के सभी विषयों की पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा सह पुनरीक्षण की तैयारी चल रही है। समीक्षा के तहत पाठ्य पुस्तकों की पाठ्य सामग्री के साथ-साथ पुस्तकों की टाइपिंग, डिजाइनिंग, मानचित्र एवं सांख्यिकीय डेटा को भी अद्यतन किया जाना है।
एससीईआरटी की ओर से प्रदेश भर से शिक्षकों की एक टीम बनाई गई है, जिन्हें पांच दिवसीय प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है। इसमें मुजफ्फरपुर के मुरौल प्रखंड अंतर्गत राजकीय बुनियादी विद्यालय बखरी के शिक्षक केशव कुमार भी शामिल हैं। केशव कुमार ने बताया कि उन्हें एससीईआरटी से पांच दिवसीय कार्यशाला के लिए पत्र मिला है, कार्यशाला का आयोजन सोमवार से पटना में किया जा रहा है।
जुलाई के अंतिम सप्ताह तक सभी स्कूलों में कैलेंडर उपलब्ध करा दिया जायेगा
जुलाई के अंतिम सप्ताह तक जिले के सभी Bihar Board Schools में कैलेंडर उपलब्ध करा दिया जायेगा। सभी स्कूल प्रशासकों के लिए कक्षा और स्कूल कार्यालय में कैलेंडर प्रदर्शित करना अनिवार्य है। इसके साथ ही स्कूलों द्वारा आयोजित पेरेंट्स-टीचर्स मीट में भाग लेने वाले अभिभावकों को भी कैलेंडर में दिए गए सुझावों से अवगत कराकर बच्चों में नैतिक मूल्यों के विकास के लिए प्रेरित किया जाएगा।
सरकारी स्कूलों में लगेगा नैतिक कैलेंडर
इसके साथ ही Bihar School Examination Voard सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की बेहतरी और उनमें नैतिक मूल्यों के विकास के लिए एक नैतिक कैलेंडर स्थापित किया जाएगा, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पटना जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में नैतिक कैलेंडर लगाया जायेगा।
कैलेंडर लगाने का मुख्य उद्देश्य माता-पिता को बच्चों के करीब लाना और उनका मार्गदर्शन करना है। इसमें 12 तरह से बच्चों का मनोबल बढ़ाने की जानकारी साझा की गई है, जिसमें बच्चों को खुद पर विश्वास दिलाना, सवाल पूछने की आदत विकसित करना, बच्चों को खेलने का मौका देना शामिल है।
माता-पिता बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के साथ ही उनकी इच्छाओं को भी समझेंगे
बच्चों को स्कूल भेजने के बाद माता-पिता को लगता है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी है। लेकिन माता-पिता बच्चों की इच्छाओं को समझने और उनके मन को पढ़ने के लिए समय नहीं दे पाते हैं।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए BSEB Patna द्वारा नैतिक कैलेंडर के माध्यम से माता-पिता को अपने बच्चों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने और उन्हें विशेष समय देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसमें बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाने के साथ-साथ अभिभावकों को बच्चों के साथ खेलने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
माता-पिता बच्चों की बात सुनने के लिए प्रेरित होंगे
पटना डीपीओ श्याम नंदन ने कहा कि मोरल कैलेंडर के माध्यम से माता-पिता और बच्चों के बीच नजदीकियां बढ़ाने और उनमें आत्मविश्वास विकसित करने का प्रयास किया गया है, इसके साथ ही बच्चों की बात सुनने और उनकी इच्छाओं को समझने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।