बिहार बोर्ड के 9वीं में छात्रों का रजिस्ट्रेशन अब प्रीपेड होगा। हाई स्कूलों में पहली बार इस तरह की व्यवस्था की जायेगी, पहले नामांकन के बाद जब रजिस्ट्रेशन कराया जाता था तो उस समय शुल्क लिया जाता था। लेकिन, नई व्यवस्था के तहत 9वीं में नामांकन के समय पंजीकृत छात्रों की सूची और फीस प्रधानाध्यापक के पास जमा करनी होगी।
इसके आधार पर बोर्ड एक टोकन देगा और उतने ही बच्चे बोर्ड परीक्षा के लिए स्कूल रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. पंजीकरण में बच्चों की संख्या में फर्जीवाड़ा और लाखों रुपये बकाया होने के कारण प्रक्रिया में यह बदलाव किया जा रहा है।
पिछले एक सप्ताह में बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर के केंद्राधीक्षकों से लेकर चेकर मेकर के साथ लगातार कार्यशालाओं की समीक्षा और आयोजन किया है। इसमें सभी से रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में जानकारी ली गई। कार्यशाला में शामिल प्रधानाध्यापकों ने कहा कि इस नयी व्यवस्था से फर्जीवाड़ा रुकेगा, लेकिन बाद में अगर बच्चे फॉर्म नहीं भरते हैं तो दी गयी राशि या नंबर को कैसे बदला जायेगा, इस पर अभी निर्देश नहीं मिला है।
बता दें कि इस बार भी जिले के एक दर्जन से अधिक स्कूलों पर 9-12 लाख की फीस बकाया है, जिसके कारण सर्टिफिकेट भी रोक दिया गया है।
संकरी गलियों वाले स्कूलों में केंद्र नहीं बनाए जाएंगे
Bihar School Examination Board के सामने मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जिलों में मैट्रिक-इंटर परीक्षा में ऐसे स्कूल में सेंटर बनाने का मुद्दा उठा, जहां वाहनों का पहुंचना मुश्किल हो और 20 लोग पहुंच जाएं तो भीड़ जमा हो जाती है।
BSEB Patna की ओर से निर्देश दिया गया कि इस बार से परीक्षा में दो-दो नोडल और तकनीकी पदाधिकारी नियुक्त किये जायेंगे, जो परीक्षा से पहले दोनों स्तरों पर स्कूलों की जांच करेंगे और उसके बाद ही परीक्षा केंद्र का निर्धारण किया जायेगा।