बिहार बोर्ड 12वीं का रिजल्ट 21 मार्च 2023 को ही जारी किया गया था। वहीं, बिहार बोर्ड 10वीं का रिजल्ट 31 मार्च 2023 जारी कर के बिहार बोर्ड ने देश भर में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया। आपको बता दें की, बिहार बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षा 2023 फरवरी में संपन्न हुई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस साल भी बिहार बोर्ड ने देश भर में सबसे पहले बोर्ड परीक्षा आयोजित करने और देशभर में सबसे पहले रिजल्ट जारी कर के रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
इतना ही नहीं इस साल बिहार बोर्ड ने एक और खास रिकॉर्ड बनाया है, दरअसल, पिछले 11 साल में हर बार बिहार बोर्ड इंटर और मैट्रिक के रिजल्ट में कई हजार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रहता था, जबकि इस बार एक भी छात्र का रिजल्ट पेंडिंग नहीं हुआ हैं।
साल 2013 में कई हज़ार से ज्यादा छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग था। 2018 तक लगभग हर साल ऐसा ही होता रहा।
बिहार बोर्ड के नतीजे जारी होने के बाद हजारों छात्र अधूरे रिलीज या पेंडिंग रिजल्ट की शिकायत दर्ज कराते थे।
लेकिन बिहार बोर्ड इंटर और मैट्रिक रिजल्ट 2023 में ऐसा नहीं हुआ है, इस साल हर एक छात्र का रिजल्ट जारी किया गया है.
परीक्षा समाप्त होने के 36 दिनों के अंदर ही जारी दिया 10वीं का रिजल्ट
Bihar school examination board ने देश में पहली बार मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर लगातार पांचवीं साल नया कीर्तिमान बनाया है। साल 2019 में 06 अप्रैल, 2020 में 26 मई, 2021 में 05 अप्रैल, 2022 में 31 मार्च और 2023 में 31 मार्च को रिजल्ट जारी कर इतिहास रच दिया है।
Bihar Board ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है। इस वर्ष मैट्रिक का परिणाम न केवल बिहार में बल्कि पूरे देश में रिकॉर्ड समय के भीतर प्रकाशित किया गया था, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
आनंद किशोर ने कहा कि परीक्षा कार्य से संबंधित समिति के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देने के साथ-साथ उन्हें पुरस्कृत भी किया जाएगा।
मूल्यांकन शुरू होने के महज 26 दिनों के भीतर 16.37 लाख से अधिक परीक्षार्थियों का परिणाम प्रकाशित हुआ, जो पूरे देश में अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
BSEB 10th Exam 14 फरवरी 2023 से 22 फरवरी 2023 तक हुई थी। 10वीं वार्षिक परीक्षा 2023 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 1 मार्च 2023 से शुरू हुआ था।
करीब 90 लाख कॉपियों और करीब 90 लाख ओएमआर शीट की जांच के बाद 26 दिनों के भीतर मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित कर दिया गया।
बीते वर्ष 2022 में मैट्रिक में मूल्यांकन प्रारम्भ होने की तिथि से मात्र 26 दिनों के अन्दर परीक्षा परिणाम जारी कर पूरे देश में परीक्षाओं के प्रकाशन के सम्बन्ध में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था।
बोर्ड की सख्ती के बाद गिरा था पास प्रतिशत
2017 में जब बिहार बोर्ड ने परीक्षा में सख्ती दिखाई तो रिजल्ट 12 फीसदी गिरकर 35 फीसदी पर आ गया। पूरे देश में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का परिणाम सबसे खराब रहा।
परीक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक बिहार बोर्ड के इतिहास में इतना बुरा रिजल्ट कभी नहीं आया, इसके बाद बिहार बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न में बदलाव के साथ ही अपनी पूरी कार्य संस्कृति को बदल दिया।
पारदर्शी परीक्षा के लिए पूरी ताकत से प्रयास किया। बिहार बोर्ड ने 2018 में एक बार फिर 68.89 प्रतिशत रिजल्ट के साथ अपने प्रदर्शन में सुधार किया।
2018 में 50% ओबजेक्टिव प्रकार के प्रश्न लागू किए गए थे
बोर्ड ने 2018 में सभी विषयों में 50 फीसदी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को लागू किया था। लघु उत्तरीय प्रश्नों में 50 फीसदी अतिरिक्त विकल्प दिया गया। असर हुआ कि 2017 की तुलना में 2018 में 19 फीसदी रिजल्ट में वृद्धि हुई। 2020 में विकल्प वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी गयी।
नई तकनीक से मिल रहा हैं लाभ
इस साल नई तकनीक से बिहार बोर्ड की कॉपी चेक की गई है। कई चरणों में मूल्यांकन के कारण लंबित परिणामों की संख्या में कमी आई है। बोर्ड ने प्रत्येक बारकोडिंग के अंकों का कई चरणों में मिलान किया है।
रिजल्ट में किसी भी तरह की त्रुटि से बचने के लिए कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल किया गया। परीक्षार्थियों द्वारा उत्तर पुस्तिका की जांच के बाद प्रधान परीक्षक द्वारा अंकों की भी जांच की गई।
2020 में तैयार हुआ था सॉफ्टवेयर
देश में पहली बार इस सॉफ्टवेयर को बिहार बोर्ड ने साल 2020 में तैयार किया था। बता दें कि बिहार बोर्ड का रिजल्ट बीएसईबी की वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in और biharboardonline.com पर अपलोड कर दिया गया है। इस 10वीं परीक्षा में कुल 16,37,414 छात्र उपस्थित हुए हैं।
कदाचार मुक्त परीक्षा पर जोर
इस वर्ष बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा कदाचार मुक्त परीक्षा पर विशेष बल दिया गया। हर परीक्षा केंद्र पर कैमरे लगाए गए थे।
परीक्षा केंद्र के अंदर और बाहर वीडियोग्राफी की गई। परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला शिक्षा अधिकारी को सख्त निर्देश दिए गए हैं. परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है. इंटर परीक्षा में तैनात सभी पर्यवेक्षकों को घोषणा पत्र भरना था।
उन्हें यह घोषित करना था कि उन्होंने सभी परीक्षार्थियों की उचित जांच की है और उनके पास कोई कदाचार सामग्री नहीं है।
प्रदेश के 1500 केंद्रों पर ली गई परीक्षा
मैट्रिक की परीक्षा 14 फरवरी 2023 से 22 फरवरी 2023 तक आयोजित की गई थी। परीक्षा के लिए राज्य भर में कुल 1500 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इस साल 16 लाख 37 हजार 414 उम्मीदवार मैट्रिक परीक्षा में शामिल हुए थे।
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