बिहार बोर्ड 60 लाख छात्रों का लेगा फिंगरप्रिंट, स्कूल-कॉलेजों में लगेगी बायोमेट्रिक मशीन

लगातार रिकॉर्ड समय में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के नतीजे जारी कर एक नई उपलब्धि हासिल करने वाला बिहार बोर्ड जल्द ही ऐसा कदम उठाने जा रहा है, जिसके बाद परीक्षा के दौरान फर्जी मुन्नाभाई की एंट्री लगभग खत्म हो जाएगी। इसके लिए बिहार बोर्ड ने फैसला किया है कि सभी हाईस्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी, साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम लागू किया जाएगा। जिससे परीक्षा में फर्जी फोटो डालने वालों को तुरंत पकड़ा जाएगा।

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा की, नौवीं और 11वीं में रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म भरने और मैट्रिक और इंटर परीक्षा फॉर्म भरने के समय फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। इसके लिए राज्य भर के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बिहार बोर्ड की आगामी तैयारियों के बारे में कहा कि बिहार में मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं में अभी भी बड़ी संख्या में मुन्ना भाई पकड़े जाते हैं. हमारा प्रयास है कि पूरी व्यवस्था को इतना मजबूत बनाया जाए कि फर्जी छात्र परीक्षा में शामिल न हो सकें।

बिहार बोर्ड के 60 लाख छात्रों के लिए जाएंगे फिंगर प्रिंट

बिहार बोर्ड ने साफ कर दिया है कि जल्द ही राज्य के सभी हाई स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगा दी जाएगी. जिसमें नौवीं से बारहवीं तक के सभी छात्रों के फिंगरप्रिंट लिए जाएंगे। बिहार बोर्ड के मुताबिक इस तरह बोर्ड के पास करीब 60 लाख छात्रों के फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड उपलब्ध होंगे। बोर्ड के मुताबिक ये फिंगर प्रिंट नौवीं और 11वीं में रजिस्ट्रेशन के दौरान और मैट्रिक और 12वीं में परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान लिए जाएंगे। इसके अलावा इसी सत्र से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लागू किया जाएगा, जिसमें फर्जी फोटो लगाकर परीक्षक की पहचान आसानी से की जा सकेगी।

इससे बड़ा बदलाव होने वाला है। यानी छात्रों का आधार वेरिफिकेशन। इससे प्रमाण पत्र में आई त्रुटि को आसानी से ठीक किया जा सकता है।

तैयार किया जा रहा है हर बच्चे का डाटा

पूरे बिहार बोर्ड को कंप्यूटराइज्ड कर दिया गया है। ऑनलाइन पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म भरने के लिए सभी स्कूलों को कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। इससे अब स्कूल प्रशासन को राहत मिली है. समय-समय पर स्कूल प्रशासन की देखरेख में फार्म भरे जा रहे हैं। अब हर स्कूल में कम्पलीट कंप्यूटर सेटअप है।

सभी विषयों के लिए डिजिटल कंटेंट बनाया जाएगा

प्रदेश के पांच हजार माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों को कम्प्यूटर दिए गए हैं। अब सभी स्कूलों को डिजिटल कंटेंट दिया जाएगा, ऐसा हर विषय में होगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। यह इसी सत्र के कलैण्डर से लागू होगा। जरूरत पड़ने पर स्कूलों में कंप्यूटरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। ऐप के माध्यम से बच्चों को डिजिटल सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।

बिहार बोर्ड मुन्नाभाई का नामोनिशान मिटाएगा

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा की हर साल मुन्नाभाई अभी भी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में पकड़े जा रहे हैं, हमें इसे मिटाना है। परीक्षा प्रणाली को इतना मजबूत बनाया जाएगा कि फर्जी छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसके लिए इसी सत्र से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लागू किया जाएगा। इसके साथ ही फर्जी फोटो लगाकर परीक्षा देने वालों को तुरंत पकड़ा जाएगा। इसके अलावा अब आधार वेरिफिकेशन भी किया जाएगा। इससे प्रमाण पत्र में त्रुटि के मामले में आसानी से सुधार हो सकेगा।

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बिहार बोर्ड में अगले कुछ सालों में होंगे कई बदलाव

बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि अगले कुछ सालों में बिहार बोर्ड में कई बदलाव होंगे. बोर्ड में 2016 से अब तक क्या बदलाव हुए हैं, कैसे बोर्ड पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत हो गया है, बोर्ड के सामने खुद का सॉफ्टवेयर बनाने के साथ-साथ क्या चुनौतियां हैं, इन सभी सुधारों पर बोर्ड अध्यक्ष ने अपनी राय साझा की।

कोरोना संक्रमण में परिणाम देना काफी चुनौतीपूर्ण था। मार्च 2020 में आया था कोरोना। इससे पहले इंटर और मैट्रिक की परीक्षाएं फरवरी में ही ली जाती थीं। मैट्रिक के रिजल्ट के समय कोरोना का संक्रमण तेज था। फिर 2021 में मैट्रिक और इंटर दोनों की परीक्षा देना और रिजल्ट देना मुश्किल हो गया। नौ क्षेत्रीय कार्यालयों में स्कैनिंग का काम शुरू परिणामों के लिए अधिक से अधिक कंप्यूटरों का उपयोग किया गया। आधा सिलेबस ओएमआर पर लिया गया। मूल्यांकन कंप्यूटर द्वारा किया गया था। शिक्षकों के मूल्यांकन कार्य को कंप्यूटर पर स्थानांतरित कर दिया। इससे समय की बचत हुई। इससे रिजल्ट तैयार करने में ढाई महीने का समय 15 से 20 दिन का हो गया।

2016 तक बिहार बोर्ड में कोई काम डिजिटली नहीं होता था। 2016 में पद संभालने के बाद देश के कई बोर्ड के साथ बैठक की। मैंने हर सेक्शन को कंप्यूटर से जोड़ा। मैनुअल काम खत्म किया। इससे गलतियां कम होने लगीं। परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने को बारकोडिंग शुरू की। त्रुटि रहित रिजल्ट के लिए परीक्षार्थियों के नाम की प्रिंट वाली उत्तर पुस्तिका देने की की व्यवस्था की गई। पिछले तीन वर्षों से बिहार बोर्ड देश में सभी बोर्ड से पहले परीक्षा ले रहा है और रिजल्ट दे रहा है।

बोर्ड 10 देशों की परीक्षा प्रणाली का अध्ययन कर तैयार करेगा नया मानक

बिहार बोर्ड अन्य देशों की बोर्ड परीक्षा प्रणाली का अध्ययन करेगा। इसके लिए जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय बैठक आयोजित की जाएगी। सिंगापुर, फिनलैंड और अन्य देशों से बातचीत चल रही है। आठ से दस देशों की बोर्ड परीक्षा प्रणाली का अध्ययन कर नया मानक तैयार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री पुरस्कार ने बिहार बोर्ड को देश के शीर्ष पर पहुंचा दिया है

सिविल सेवा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री पुरस्कार की शुरुआत 2006 में हुई थी। लेकिन 2019, 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के कारण इसका आयोजन नहीं हो सका। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि, मुझे यह पुरस्कार 2020 के लिए मिला है। बिहार बोर्ड देश में पहला है, जिसमें काम करते हुए यह पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार मुझे बिहार बोर्ड की परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए दिया गया है। इस पुरस्कार ने बिहार बोर्ड को देश के शीर्ष पर पहुंचा दिया है।

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