Additional Chief Secretary of Bihar Education Department KK Pathak इन दिनों छुट्टी पर हैं। हालांकि शिक्षा विभाग पूरे फॉर्म में काम कर रहा है, लापरवाह शिक्षकों व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की जा रही है।
इसी क्रम में मध्याह्न भोजन की थाली नहीं खरीदने पर पटना समेत 34 जिलों के 34 डीपीओ का वेतन रोक दिया गया है। शिक्षा विभाग ने यह कार्रवाई मंगलवार देर रात की. इन डीपीओ पर मध्याह्न भोजन की राशि उपलब्ध कराने के बाद भी मध्याह्न भोजन के लिए थाली नहीं खरीदने का आरोप है।
यह कार्रवाई अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर एमडीएम निदेशक मिथिलेश मिश्रा ने की है। बताया गया है कि जब तक आदेश का पालन नहीं होगा, इन डीपीओ को वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा। हालांकि पश्चिमी चंपारण, जमुई, दरभंगा, और समस्तीपुर के डीपीओ स्कूलों में मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने में बेहतर रहे हैं, इन जिलों के 33 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में मिड डे मील की थाली खरीदी जा चुकी है।
34 जिलों के डीपीओ ने थाली खरीद को गंभीरता से नहीं लिया : बिहार शिक्षा विभाग
डीपीओ पर कार्रवाई को लेकर विभाग की ओर से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया कि 21 नवंबर 2023 को सभी जिलों को मध्याह्न भोजन की थाली खरीदने के लिए राशि दी गयी थी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी 34 जिलों के डीपीओ ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
6 जनवरी 2024 को समीक्षा में अपर मुख्य सचिव ने पाया कि डीपीओ उनके आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जबकि इस संबंध में आवश्यक आदेश दैनिक समीक्षा बैठक में दिये जाते रहे हैं। निदेशक ने कहा कि कार्य में शिथिलता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
स्कूलों में प्लेटें क्यों नहीं खरीदी गईं?
मिड-डे मील थाली खरीद से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस बार विशेष गुणवत्ता और डिजाइन की थालियां खरीदी जानी हैं। ऐसे में बाजार में मानक के अनुरूप प्लेटें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए खरीदी जाने वाली प्लेट की लंबाई 25 से 30 सेमी और चौड़ाई 24 से 27 सेमी होनी चाहिए। इसकी गहराई 2.5 से 3.5 मिमी और वजन 250 से 275 ग्राम होना चाहिए। इसी प्रकार कक्षा 6वीं से 8वीं तक के बच्चों के लिए खरीदी जाने वाली प्लेट की लंबाई 27 से 30 सेमी और चौड़ाई 24 से 27 सेमी होनी चाहिए। 2.5 से 2.5 मिमी गहरी प्लेट का वजन 270 से 300 ग्राम होना चाहिए।
आज भी इस मानक की प्लेटें इतनी संख्या में उपलब्ध नहीं हैं। यही वजह है कि थाली खरीदने में देरी हो रही है, दो दिन पहले से बाजार में मानक के अनुरूप प्लेटें मिलनी शुरू हो गई हैं।