बिहार के उन मध्य विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली की जायेगी, Bihar Education Department जहां शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित है। इस कमी को पूरा करने के लिए विभिन्न गांवों के अभिभावक आंदोलन भी करते रहते हैं।
शिक्षकों की बहाली के लिए कई बार बच्चे खुद सड़क जाम कर चुके हैं। हालाँकि, वह दिन दूर नहीं जब बच्चों और उनके अभिभावकों की उपरोक्त शिकायतें दूर हो जायेंगी। ये शिक्षक कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को पढ़ाएंगे।
Bihar Education Department द्वारा स्नातक कोटि के शिक्षकों के कुल 31982 पद सृजित किये गये हैं, इन शिक्षकों की बहाली बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक नियमावली के तहत की जायेगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने डीईओ और डीपीओ स्थापना को पत्र भेजकर सृजित पदों और बहाली की जानकारी दी है।
डीईओ स्कूलों को पद आवंटित करेंगे
निदेशक के पत्र के अनुसार डीईओ जिले को प्राप्त उक्त पदों में से विद्यालय आवंटित करेंगे। बहाली से संबंधित आरक्षण रोस्टर का अनुमोदन डीएम के स्तर से कराना अनिवार्य कर दिया गया है। विभाग की ओर से डीईओ को रोस्टर भी उपलब्ध करा दिया गया है, ताकि बहाली में कोई व्यवधान या अनियमितता न हो, ध्यान रखें कि सबसे बड़ी समस्या रोस्टर क्लीयरेंस की है। इस कार्य में जिला पिछड़ गया है।
रोस्टर के अभाव में जिले में कई पदों पर बहाली अब भी लंबित है, विभाग ने साफ कर दिया है कि शिक्षकों की बहाली में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जायेगा।
हर स्कूल में चार विषयों के शिक्षक होने चाहिए
विभाग ने जारी पत्र में कहा है कि बहाली के दौरान यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में जिस विषय के शिक्षक की जरूरत है, उसकी पूर्ति हो सके। साथ ही यह भी ध्यान रखा जायेगा कि प्रत्येक विद्यालय में चार विषयों गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं भाषा विज्ञान के एक-एक शिक्षक अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें।
गौरतलब है कि बैरगनिया में प्रखंड शिक्षकों की नियुक्ति के दौरान आरक्षण रोस्टर को दरकिनार कर बहाल किये गये शिक्षकों का मामला अब तक सुलझ नहीं सका है। यह विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच गया है, जिले में बहाली की जांच भी चल रही है।