Bihar Schools Colleges Dazzling Labs बिहार के नौ हजार से अधिक प्लस टू स्कूलों और राज्य के 15 विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध 265 कॉलेजों की प्रयोगशालाएं फिर से सक्रिय की जाएंगी। निजी एजेंसियां इसका कायाकल्प करेंगी। इसके लिए प्रोफेशनल एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
मांगे गए प्रस्तावों की जांच 7 सितंबर 2023 को की जाएगी। शिक्षा विभाग के मुताबिक चयनित प्रोफेशनल एजेंसी प्रयोगशालाओं का रखरखाव, प्रबंधन और उपकरण उपलब्ध कराएगी। शिक्षा विभाग ने यह प्रस्ताव मांगा है।
Bihar Education Department की ओर से मांगे गए प्रस्तावों में चयनित एजेंसी को प्रयोगशालाओं के लिए लैब इंस्ट्रक्टर और सुपरवाइजर का प्रबंधन भी करना होगा। एजेंसी का चयन तीन साल के लिए किया जाना है। विभाग ने बिड से संबंधित रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल में नियुक्त होने वाले इंस्ट्रक्टर और सुपरवाइजर के लिए शैक्षणिक योग्यता तय कर दी है। 50 प्लस टू स्कूलों के लिए एक पर्यवेक्षक के आधार पर 180 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जायेगी।
इन विषयों की लैब को नया लुक दिया जाएगा | Bihar Schools Colleges Dazzling Labs
BSEB Bihar Board के आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी, बॉटनी, साइकोलॉजी, ज्योग्राफी और होम साइंस विषयों की लैब को नया लुक दिया जाना है। सभी विषयों की प्रैक्टिकल लिस्ट भी तैयार कर ली गई है।
खास बात यह होगी कि सभी लैबों में पीजी और स्नातक स्तर के प्रयोगों के लिए जरूरी सुविधाओं की अलग-अलग सूची तैयार की गई है। यह कवायद Bihar School Examination Board शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की पहल पर की जा रही है।
9000 से ज्यादा लैब इंस्ट्रक्टर नियुक्त किये जायेंगे
प्रति स्कूल और कॉलेज के हिसाब से 9000 से ज्यादा लैब इंस्ट्रक्टर नियुक्त किये जायेंगे। ये दोनों अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि लैब के संचालन से लेकर कक्षाओं का संचालन हो। प्रत्येक प्रयोगशाला में प्रतिदिन 25 से 30 विद्यार्थियों की चार प्रायोगिक कक्षाएँ आयोजित की जाएंगी। चयनित एजेंसी की जिम्मेदारी होगी कि वह संबंधित स्कूल-कॉलेजों के शिक्षकों को लैब संचालन का प्रशिक्षण दे।
हर लैब में इतने सारे उपकरण होंगे
चयनित एजेंसी को प्रत्येक लैब में 62 प्रकार के सामान्य 91 प्रकार के उपकरण उपलब्ध कराने होंगे। इसके अलावा फिजिक्स में 58, केमिस्ट्री में 68, बायोलॉजी में 101 प्रकार के अतिरिक्त उपकरणों की व्यवस्था करनी होगी।
चयनित एजेंसी को बॉटनी, जूलॉजी समेत अन्य विषयों के लिए उपकरण उपलब्ध कराने होंगे. रसायन विज्ञान प्रयोगशाला को 108 प्रकार के रसायन उपलब्ध कराने की बात कही गयी है।
केमिकल ट्रीटमेंट किया जाएगा
उपचार के अभाव में बहुमूल्य पुरातात्विक वस्तुएँ नष्ट होने लगती हैं। इसके संरक्षण के लिए रासायनिक प्रयोगशाला महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैविक सामग्री अर्थात. ताड़ के पत्ते, लकड़ी की कलाकृतियाँ और पांडुलिपियाँ आदि जो तेल, धूल और कीड़ों से प्रभावित होती हैं, उनका भी रासायनिक उपचार किया जाता है।
साथ ही, अन्वेषण और उत्खनन से एकत्र की गई पुरातात्विक कलाकृतियों को रासायनिक प्रयोगशालाओं में रासायनिक रूप से संरक्षित किया जाता है।
पुरातात्विक धरोहर संरक्षण के लिए रासायनिक प्रयोगशाला पटना में बनेगी
अमूल्य पुरातात्विक इमारतों, मूर्तियों, सिक्कों, शिलालेखों, पांडुलिपियों, चित्रों और अन्य पुरावशेषों के संरक्षण के लिए पटना में एक रासायनिक प्रयोगशाला बनाई जाएगी। राज्य सरकार ने पुरातत्व निदेशालय के तहत एक रासायनिक संरक्षण प्रयोगशाला बनाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए पुरातत्व भवन का भी निर्माण कराया जाएगा। कांस्य प्रतिमाएं, तांबे की प्लेटें, सिक्के, टेराकोटा, पत्थर की वस्तुएं, प्लास्टर, पेंटिंग, सोने, चांदी और तांबे से बनी धातु की प्राचीन वस्तुएं जैसे पुरावशेषों का क्षरण को रोककर उन्हें संरक्षित करने के लिए उपचार किया जाता है।