राज्य में फर्जी डिग्री के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली के मामले में Patna High Court ने सुनवाई की। रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश केवी चंद्रन की खंडपीठ ने राज्य सरकार और राज्य निगरानी विभाग को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कहा कि 73 हजार शिक्षकों का फोल्डर अब तक नहीं मिला है। यह मामला काफी समय से चल रहा है, लेकिन जांच की गति काफी धीमी है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को एक समय सीमा तय करने का निर्देश दिया था, जिसके भीतर सभी संबंधित शिक्षक अपनी डिग्री और अन्य दस्तावेज जमा कर दें। कोर्ट ने साफ कर दिया था कि तय समय में दस्तावेज और अभिलेख जमा न करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाए।
याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षक फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, वेतन भी ले रहे हैं। इससे पहले 2014 के एक आदेश में कोर्ट ने कहा था कि जो लोग ऐसी फर्जी डिग्री के आधार पर राज्य सरकार के अधीन शिक्षक हैं, उन्हें स्वेच्छा से इस्तीफा देने का मौका दिया जाता है, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई
26 अगस्त 2019 को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस आदेश के बाद भी बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक काम कर रहे हैं और वेतन ले रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले को जांच के लिए निगरानी विभाग को सौंप दिया था। उन्हें ऐसे शिक्षकों को खोजने का निर्देश दिया गया।
31 जनवरी 2020 को सुनवाई के दौरान निगरानी विभाग ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार उनसे जुड़े रिकॉर्ड की जांच कर रही है, लेकिन अभी भी एक लाख दस हजार से ज्यादा शिक्षकों का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, इस मामले पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
BPSC के सफल शिक्षक अभ्यर्थियों को मिलेगा नियुक्ति पत्र
इधर, बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है, सरकार एक लाख से अधिक सफल शिक्षक अभ्यर्थियों को कैंप लगाकर नियुक्ति पत्र देने की तैयारी कर रही है, गांधी मैदान में कैंप लगाकर शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा। यह कार्यक्रम नवंबर के आखिरी सप्ताह से दिसंबर के शुरुआती सप्ताह के दौरान आयोजित होने की संभावना है।