Bihar Education Department एक बार फिर चर्चा में है, इस बार चर्चा का कारण यह है कि शिक्षा विभाग ने अक्षर आंचल योजना के तहत कार्यरत महादलित और दलित वर्ग के शिक्षा सेवक और अल्पसंख्यक वर्ग (तालिमी मरकज) के शिक्षा सेवक को सेवा मुक्त करने के लिए शिक्षा विभाग ने शर्तें लागू कर दी हैं।
लोक शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सह निदेशक की ओर से पत्र जारी किया गया है, Chief Secretary of the Education Department KK Pathak की मंजूरी के बाद ही यह आदेश जारी किया गया है।
कहा गया है कि कुछ शिक्षा सेवक व तालिमी मरकज अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। उनकी सेवा शर्तों से संबंधित मार्गदर्शिका में ऐसे शिक्षा सेवकों एवं शिक्षा सेवकों (तालिमी मरकज) को निम्नलिखित आधार पर सेवामुक्त करने का प्रावधान है।
शिक्षा सेवक को कार्यमुक्त करने की शर्तें लागू
- 30 दिनों से अधिक की अवधि के लिए अनुपस्थिति/आदतन अनुपस्थिति।
- आपराधिक गतिविधि या अनैतिक आचरण में शामिल होने या दलीय राजनीति में शामिल होकर चुनाव लड़ने की सिद्ध घटना के मामले में।
- शराब पीने, शराब बेचने, बाल विवाह, दहेज लेने पर प्रमाणित होने पर।
- तीन या अधिक निरीक्षण/निगरानी के मामले में यह सिद्ध हो गया है कि शिक्षा सेवक एवं शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) अपने कार्य के प्रति पूर्णतः लापरवाह हैं।
- बिना सूचना और बिना ठोस कारण के 30 दिनों से अधिक समय तक अनुपस्थित रहना। प्रमाणित होने पर. (एफ) यदि असामाजिक या अराजकतावादी गतिविधियों में शामिल होना या दुष्कर्म करना साबित हो।
बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी
शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया कि उपरोक्त चार बिंदुओं में से किसी एक पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) द्वारा संबंधित शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जायेगा। यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया तो इसे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (साक्षरता) द्वारा संबंधित योजना समिति के समक्ष रखा जाएगा।
इसके बाद आदेश के आधार पर उक्त शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (तालिमी मरकज) को सेवा से मुक्त कर दिया जायेगा. दोषी शिक्षा सेवक/शिक्षा सेवक (Talimi Markaz) की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी।