बिहार राज्य में हर साल हजारों बेरोजगार नौकरी के लिए श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है। National Career Service (NCS) Portal | Employment Figures Released by Bihar Government के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले छह साल में सबसे ज्यादा 26 फीसदी युवाओं को 2017-18 में रोजगार मिला है, बाकी रोजगार के लिए राज्य या दूसरे राज्यों में चले गए हैं।
साथ ही 2018-2019 में 18 फीसदी, 2019-2020 में 14 फीसदी, 2020-2021 में 9.7 फीसदी, 2021-2022 में 6.9 फीसदी, 2022-2023 में 23.10 फीसदी बेरोजगारों को रोजगार मिला है, 2023-2024 में अब तक 26843 बेरोजगारों को रोजगार मिला है।
विभाग के मुताबिक, जब से देश में NCS Portal पर Online Registration , Employment Figures Released by Bihar Government किया जा रहा है। तब से अब तक एक करोड़ 16 लाख 17 हजार 410 बेरोजगारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि बिहार में अब तक नौ लाख 23 हजार 227 लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
बेरोजगारों को नौकरी देने के लिए देश में नौ लाख 39 हजार 756 कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। हैं। बिहार में रोजगार देने के लिए सिर्फ 39 हजार 283 कंपनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, कुल पंजीकृत लोगों में छह लाख 92 हजार 701 पुरुष और दो लाख 29 हजार 538 महिलाएं हैं, जबकि 150 किन्नर (ट्रांसजेंडर) हैं।
वित्तीय वर्ष के लिए बेरोजगारों ने कराया रजिस्ट्रेशन, श्रम विभाग ने दिया रोजगार | Employment Figures Released by Bihar Government
सरकारी एवं गैर-सरकारी कंपनियों के श्रम संसाधन अथवा अन्य विभागों द्वारा समय-समय पर नौकरी मेले या रोजगार मेले आयोजित किये जाते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि बेरोजगारों का एनसीएस पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होना चाहिए। इसीलिए पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले बेरोजगारों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है।
बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा नियमित रूप से रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है। रजिस्ट्रेशन बढ़ने के बाद रोजगार देने के लिए अधिक से अधिक कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है, ताकि वे मेले तक पहुंच सकें। अधिक से अधिक बेरोजगारों को नौकरी दिलाने की दिशा में विभाग लगातार काम कर रहा है।
सुरेंद्र राम , मंत्री, श्रम संसाधन विभाग
इस उम्र के लोग नौकरी चाहने वालों में सबसे आगे हैं
नौकरी चाहने वालों में पढ़े-लिखे और अनपढ़ सभी शामिल हैं। इसमें हजारों बेरोजगार ऐसे हैं, जो कभी स्कूल भी नहीं गए। विभागीय सूत्रों की मानें तो रोजगार मेले में आने वाली कंपनियां भी बहुत बड़ी नहीं हैं। इस कारण देखा गया है कि अधिकांश बेरोजगार अशिक्षित, मैट्रिक पास, इंटर पास हैं।