आज हम आपको इस पोस्ट में आपको हिंदी व्यंजन (Hindi Vyanjan) के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं। दुनिया में विभिन्न लोगों द्वारा बोली जाने वाली, समझी जाने वाली और सुनी जाने वाली आवाज़ों को भाषा कहा जाता है। भाषा का मूल रूप मानव मन में समझ और अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करता है। उन सभी वर्णों जिनके उच्चारण में हवा या यूँ कहें की वायु की रुकावट के साथ या घर्षण के साथ मुंह से बाहर निकलती है। उन सभी वर्णों को व्यंजन कहा जाता हैं। व्यंजन का उच्चारण हमेशा ही स्वर की मदद से किया जाता है।
व्यंजन से पहले हम आपको वर्ण के बारे में विस्तार से बताना चाहेंगे, वर्ण भाषा का वह छोटी इकाई है, जिनके खंड नहीं किए जा सकते हैं। Hindi Vyanjan हम आपको बता दें की, वर्ण को अक्षर भी कहा जाता है। साथ ही अक्षर का अर्थ होता है: अनाशवान। अतः वर्ण को खंड व खंड नहीं किया जा सकता है।अगर आप ये जानने के लिए इक्छुक की, व्यंजन किसे कहते हैं? तो वर्ण वे होते हैं, जिनका उच्चारण बिना स्वर की सहायता के बिना सम्भव ही नहीं है। यानी की Hindi Vyanjan हिंदी व्यंजन को स्वर की मदद से बोला जाता है।
यही व्यंजन Vyanjan In Hindi कहलाते हैं। साथ ही लोग ये जानने के लिए इक्छुक हैं की (Vyanjan Kitne Prakar Ke Hote Hain) व्यंजन के कितने भेद होते हैं? तो इसका उत्तर हैं की, हिंदी वर्णमाला में कुल व्यंजनों की संख्या 33 होती है।
हिन्दी व्यंजन | Hindi Vyanjan
Vyanjan Hindi के बारे में बताने से पहले हम आपको ये बताना उचित समझेंगे की, व्यक्ति के मुंह से व्यंजन कैसे उत्तपन होता है। इसके बारे में पता होना विस्तार से बताना चाहेंगे। अगर आप Vyanjan In Hindi के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को निचे तक अवश्य ही पढ़े।
दोस्तों के व्यंजनों का वर्गीकरण विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के आधार पर विभाजित किया गया है। व्यंजन के विभाजन में व्यंजन के वर्गीकरण के कुल 6 आधार हैं, जो इस प्रकार हैं। हम पहले एक साथ व्यंजन के प्रकार (Vyanjan Kitne Prakar Ke Hote Hain) को जानते हैं। उसके बाद, हम उन्हें अलग से वर्णन करके पढ़ेंगे।
उन सभी वर्णों जिनके उच्चारण में हवा/वायु रुकावट के साथ या घर्षण के साथ मुख से बाहर निकलती है। उन्हें व्यंजन कहा जाता हैं। हिंदी व्यंजन का उच्चारण हमेशा स्वर की मदद से किया जाता है। हिंदी व्यंजन (Vyanjan Hindi) में कुल 37 व्यंजन होते है, जिसमे दो आगत व्यंजन (ज़ और फ़) भी शामिल होते है। उन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जो निम्नलिखित निचे दिया गया हैं।
Vyanjan Kitne Prakar Ke Hote Hain
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र मूलत व्यंजन नहीं है, यह संयुक्त व्यंजन है।
Vyanjan Kitne Hote Hain
व्यंजन के कितने भेद होते हैं? इस सवाल का जवाब ये हैं की व्यंजन के मुख्यतः तीन भेद/प्रकार होते है।
- स्पर्श व्यंजन
- अंतःस्थ व्यंजन
- उष्म व्यंजन
स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं?
वो सभी वर्ण जिनके व्यंजनों का उच्चारण करते समय मूर्द्धा, तालु, कण्ठ, दन्त एवं ओष्ठ किसी भी अंगो से ‘स्पर्श’ होता है उसी व्यंजन को स्पर्श व्यंजन कहा जाता है।
हम आपको बता दें की, इन व्यंजनों को वर्गीय व्यंजन भी बोला जाता है। क्यूंकि इन्हे पॉँच वर्ग में वर्गकृत किया गए है। स्पर्श व्यंजन कुल 25 व्यंजन का 5 एक समूह होता है।
स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं
क वर्ग (कण्ठ का स्पर्श) | क, ख, ग, घ, ङ. |
च वर्ग (तालु का स्पर्श) | च, छ, ज, झ, ञ. |
ट वर्ग (मूर्धा का स्पर्श) | ट, ठ, ड, ढ, ण, (ड़, ढ़). |
त वर्ग (दाँतो का स्पर्श) | त, थ, द, ध, न. |
प वर्ग (होठों का स्पर्श) | प, फ, ब, भ, म. |
अंतस्थ व्यंजन किसे कहते हैं?
वो सभी वर्ण जिनके उच्चारण भीतर की तरफ होता है, उन्हें ‘अंतस्थ व्यंजन‘ कहा जाता है। इसे अंतःस्थ व्यंजन भी कहा जाता हैं, उच्चारण करते समय जीभ मुख के भीतर किसी भी अंगो को स्पर्श नहीं होता है, यह व्यंजन चार होते है, जो निचे दिया गया हैं।
अंतस्थ व्यंजन कितने होते हैं | य, र, ल, व। |
ऊष्म व्यंजन किसे कहते हैं?
जैसे की आप जानते ही होंगे की, ऊष्म का मतलब गर्म होता हैं। वो सभी वर्ण जिनके उच्चारण करते समय हवा मुख के भीतर अलग अलग अंगों को टकराकर सॉंस में गर्मी पैदा करती है, तो उन्हें ‘ऊष्म व्यंजन’ कहा जाता है। ऊष्म व्यंजन अंतःस्थ व्यंजन की तरह चार होते है। जो निचे दिया गया हैं।
ऊष्म व्यंजन कितने होते हैं | श, ष, स, ह। |
व्यंजनों का उच्चारण स्थान के आधार पर वर्गीकरण
उच्चारण की आधार पर हिंदी व्यंजन वर्णों को दो प्रकार से विभाजित किया जाता हैं।
स्थान के आधार पर
स्थान के आधार पर व्यंजनों का उच्चारण मुंह के अलग अलग अवयवों, जैसे की: तालु, कंठ, मूर्धा, इत्यादि से किया जाता है, जो की वर्ण मुंह के जिस भाग से बोला जाता है, वही उस वर्ण का उच्चारण स्थान व्यंजन कहा जाता है।
प्रयत्न के आधार पर
प्रयत्न के मुताबिक, व्यंजन वायु के उच्चारण में स्वास यानि साँस का कम्पन, साँस की मात्रा एवं जीवा इत्यादि अवयवों के मदद से साँस के अवरोध की प्रक्रिया को प्रयत्न व्यंजन कहा जाता है।
प्रयत्न व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं?
प्रयत्न व्यंजन आधार पर तीन प्रकार से होते हैं। जो की आपको निचे निम्नलिखित दिया गया
- स्वरतंत्री में स्वास के कंपन के रूप में।
- साँस की मात्रा के रूप में।
- मुंह अवयव द्वारा साँस रोकने के रूप में।
जब भी किसी व्यंजन को बोलते वक़्त, वायु मुख के भीतर अलग अलग स्थान से टकराती है। यानि की मुख मुँह के भीतर अलग अलग स्थान से ध्वनि प्रकट होते है, तो उसे उच्चारण स्थान कहा जाता है।
साँस के आधार पर व्यंजन के प्रकार
श्वास के आधार पर व्यंजन के कुल दो भेद होते हैं, जिनमे से पहला अल्पप्राण और दुसरा महाप्राण होता हैं।
अल्पप्राण व्यंजन
वो सभी व्यंजनों जिनके उच्चारण पर श्वास/साँस अल्प मात्रा में निकले उस व्यंजन को ‘अल्पप्राण’ कहते है। यानी की जिन व्यंजनों के उच्चारण पर हवा कम मात्रा में निकले वह अल्पप्राण कहलाता हैं।
अल्पप्राण व्यंजन के प्रकार | क, ग, ङ; ज, ञ, ट, ड, ण, त, द, न, प, ब, म। एवं अन्तःस्थ व्यंजन के (य, र, ल, व) वर्ण भीं अल्पप्राण होते हैं। |
महाप्राण व्यंजन
वो सभी व्यंजन जिनके उच्चारण पर श्वास/साँस अधिक मात्रा में निकले उन सभी वर्ण को ‘महाप्राण’ कहते हैं।
महाप्राण व्यंजन के प्रकार | ख, घ; छ, झ, ठ, ढ, थ, ध, फ, भ और श, ष, स, ह। |
व्यंजनों का उच्चारण स्थान
कंठ्य (गले से) | क, ख, ग, घ, ङ |
तालव्य (कठोर तालु से) | च, छ, ज, झ, ञ, य, श |
मूर्धन्य (कठोर तालु के अगले भाग से) | ट, ठ, ड, ढ, ण, ड़, ढ़, ष |
दंत्य (दाँतों से) | त, थ, द, ध, न |
वर्त्सय (दाँतों के मूल से) | स, ज, र, ल |
ओष्ठय (दोनों होंठों से) | प, फ, ब, भ, म |
दंतौष्ठय (निचले होंठ व ऊपरी दाँतों से) | व, फ |
स्वर यंत्र से | ह |
व्यंजनों के अन्य भेद
व्यंजनों के अन्य काफी सारी और भी भेद होते हैं, इन सभी के बारे में अब हम आपको निचे विस्तार में बताने जा रहे हैं, कृपया ध्यानपूर्वक पढ़ें।
संयुक्त व्यंजन
वो सभी व्यंजन जो दो एवं दो से अधिक व्यंजनों से मिलकर बनते है, उनको ‘संयुक्त व्यंजन’ कहते है, यह कुल चार प्रकार के व्यंजन है। जैसे:
[क्ष] क्+ष+अ = क्ष (रक्षक, भक्षक, क्षोभ, क्षय) |
[ज्ञ] ज्+ञ+अ = ज्ञ (सर्वज्ञ, ज्ञाता, विज्ञान, विज्ञापन) |
[श्र] श्+र्+अ = श्र (श्रीमती, श्रम, परिश्रम, श्रवण) |
[त्र] त्+र्+अ = त्र (पत्रिका, त्राण, सर्वत्र, त्रिकोण) |
द्वित्व व्यंजन
वो सभी व्यंजन जिनके अपने समान किसी व्यंजन से मिलकर बनता हैं, अथवा वो व्यंजन जिनमें पहला व्यंजन स्वर रहित और दूसरा स्वर सहित होता हैं, उसे ‘द्वित्व व्यंजन’ कहते हैं। जैसे:
क् + क = | पक्का |
म् + म = | चम्मच |
च् + च = | कच्चा |
त् + त = | पत्ता |
संयुक्ताक्षर व्यंजन
वो सभी जिनके स्वर रहित व्यंजन दूसरे स्वर सहित व्यंजन से मिलकर व्यंजन बनते हैं, उन्हें ‘संयुक्ताक्षर व्यंजन’ कहते है। जैसे:
क् + त | = क्त = | संयुक्त |
द् + ध | = द्ध = | शुद्ध |
स् + थ | = स्थ = | स्थान |
स् + व | = स्व = | स्वाद |
कम्पन के आधार पर व्यंजनो के कुल दो भेद होते हैं, जो की घोष व्यंजन और अघोष व्यंजन होते हैं।
घोष व्यंजन
वो सभी व्यंजनों जिनके उच्चारण करते समय नाद का प्रयोग होता है, उन वर्णों को ‘घोष व्यंजन’ कहते है। इस व्यंजनों में सभी स्वर अ से ओ तक के ही होते है, घोष व्यंजन कुल 20 व्यंजन होते है। जो की निचे दिया गया हैं।
घोष व्यंजन के प्रकार | ग, घ, ङ, ज, झ, ञ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ, म, य, र, ल, व, ह। |
अघोष व्यंजन
वो व्यंजन जिनके उच्चारण करने वक़्त नाद की जगह श्वास/साँस का प्रयोग होता है, उन्हें ‘अघोष व्यंजन’ कहते है। अघोष व्यंजन में कुल 13 व्यंजन होते है, जो की निचे दिया गया हैं।
अघोष व्यंजन के प्रकार | क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, श, ष, स। |
व्यंजनों से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
वो सभी व्यंजन जिनके उच्चारण स्वर रहित किए जाता हैं, तब उसे लिखते समय उसके नव्हे एक तिरछी (्) रेखा आती है, उन्हें ‘हलंत’ कहा जाता है। यानि जब व्यंजन वर्ण में स्वर वर्ण का बिलकुल प्रभाव नहीं होता है, तब शब्द को हलंत व्यंजन लगता है। जैसे की,
क् + अ = | क |
ख् + अ = | ख |
प् + अ = | प |
ऊपर दिए गए सभी उदाहरण जिनमें क्, ख्, प्, शब्दों को हलंत लगा है, इसलिए इनको स्वर रहित व्यंजन कहा जाता हैं।
हम आपको बता दें की, हिंदी वर्णमाला में कुल पांच नए व्यंजन को जोड़े गए है। जो की क्ष, त्र, ज्ञ, ड़ और ढ़ हैं।
यहाँ आपको बता दें की, इन पांच व्यंजनों में पहले तीन व्यंजन संयुक्त व्यंजन भी है। जो की, क्+ष = क्ष; त्+र = त्र, ज्+ञ = ज्ञ हैं। इनके अलावे बाकि दो ड़ और ढ़ व्यंजन ड और ढ को निचे बिंदु लगाकर बनाए गए है।
Some Important Points Hindi Vyanjan To Be Remembered
किसी भी भाषा को जानने के लिए, उस भाषा के वर्णमाला का ज्ञान होना आवश्यक है। यदि आपको अंग्रेजी भाषा सीखनी है तो इसके वर्णमाला का ज्ञान होना आवश्यक है। हिन्दी व्यंजन (Hindi Vyanjan, Vyanjan In Hindi) में स्वर और व्यंजन के बारे में जानने के लिए हिंदी वर्णमाला का ज्ञान भी आवश्यक है।
इंग्लिश भाषा के वर्णमाला में कुल 26 अक्षर होते है, और उनमे 5 स्वर यानि vowels होते है। जो की (a , e , i , o , u) हैं।
Important Points Of Vyanjan Hindi
- ध्वनि के लिखित रूप को वर्ण कहते हैं।
- भाषा की सबसे महत्वपूर्ण इकाई ध्वनि है।
- वर्णों के एक व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है।
- वर्णों के दो भेद होते हैं: (1) स्वर, (2) व्यंजन।
- स्वर, दो प्रकार के होते हैं, जो की ह्रस्व और दीर्घ है।
- अनुनासिक स्वरों का उच्चारण मुख और नाक दोनों से किया जाता है।
- व्यंजन को उच्चारण स्थान और प्रयास के आधार पर वर्गीकृत किया गया है।
- व्यंजन को अल्पप्राण – महाप्राण, सघोष – अघोष, स्पर्श – संघर्षी वर्गों में विभाजित किया गया है।
- शब्द के जिस अक्षर पर बल दिया जाता है उसे बलाघात कहते हैं।
अंग्रेजी वर्ण प्रमाणित से बने होते हैं:
A (ए) | B (बी) | C (सी) | D (डी) | E (ई) | F (एफ) |
G (जी) | H (एच) | I (आई) | J (जे) | K (के) | L (एल) |
M (एम) | N (एन) | O (ओ) | P (पी) | Q (क्यू) | R (आर) |
S (एस) | T (टी) | U (यू) | V (वी) | W (डव्ल्यू) | X (एक्स) |
Y (वाई) | Z (जेड) |
Important Hindi Alphabets
अ (a) | आ (aa) | इ (i) | ई (ee) | उ (u) |
ऊ (oo) | ओ (o) | औ (au) | अं (an) | अः (ah) |
क (k) | ख (kha) | ग (ga) | घ (gha) | ड (nya) |
ट (ta) | ठ (tha) | ड (da) | ढ (dha) | ण (na) |
त (ta) | थ (tha) | द (da) | ध (dha) | न (na) |
प (pa) | फ (fha) | ब (ba) | भ (bha) | म (ma) |
य (ya) | र (ra) | ल (la) | व (va) | श (sha) |
ष ( sha ) | स (sa) | ह (ha) | क्ष (ksha) | त्र (tra) |
ज्ञ (gya) |
FAQ: Hindi Vyanjan | हिन्दी व्यंजन
Que — Hindi Vyanjan हिंदी में कितने स्वर और व्यंजन होते हैं?
Ans — हिंदी वर्णमाला में 45 वर्ण हैं। जिसमें 10 स्वर एवं 35 व्यंजन हैं। लेखन के आधार पर 52 अक्षर हैं, 13 स्वर, 35 व्यंजन और 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
Que — हिंदी वर्णमाला में कितने अक्षर होते हैं?
Ans — लेखन के आधार पर 52 अक्षर हैं, 13 स्वर, 35 व्यंजन, और 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।
Que — How Many Vyanjan In Hindi?
Ans — हिंदी भाषा के तहत हिंदी वर्णमाला में 33 व्यंजन होते है।
Last Word:
तो दोस्तो, हमें पूरी उम्मीद हैं की, हमारा ये Vyanjan In Hindi / Hindi Vyanjan / Vyanjan Hindi / हिन्दी व्यंजन आपको जरूर अच्छा लगा होगा। हमारी टीम की यही कोशिश होती हैं की, हम आपको व्यंजन – हिंदी वर्णमाला के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी दे पाने में समर्थक हो पाएं।
दोस्तों, अगर आपको हमारी ये यह आर्टिकल पसंद आयी हो, तो कृपया आप ये पोस्ट अपने परिवार या मित्रो के साथ अवश्य ही शेयर करे। ताकि उन्हें भी इसका फायदा हो सके। आपको Hindi Vyanjan के बारे में कोई भी सवाल हो तो निचे कमेंट बॉक्स में अवश्य ही पूछिए।