बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव KK Pathak इन दिनों छुट्टी पर हैं, केके पाठक सोमवार से छुट्टी पर चले गये हैं। उनकी जगह विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को एसीएस का प्रभार सौंपा गया है, केके पाठक की छुट्टी को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती रही। उनके दिल्ली जाने की बात पर भी चर्चा हुई।
हालांकि, उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी ले ली है। वहीं मंगलवार को छुट्टियों के बीच केके पाठक अचानक सचिवालय स्थित अपने कमरे में पहुंच गए। वहीं, बिहार के 34 एमडीएम डीपीओ का वेतन भी रोक दिया गया है, केके पाठक के आदेश पर यह कार्रवाई की गयी है। उधर, कुलपतियों का एक दल राजभवन पहुंचा और राज्यपाल के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की।
मुख्य सचिव केके पाठक अचानक दफ्तर पहुंच गए
इधर, शिक्षा विभाग के Additional Chief Secretary of Education Department KK Pathak के छुट्टी पर चले जाने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने अपर मुख्य सचिव के सभी कार्यों का प्रभार शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को सौंप दिया है, उन्होंने कार्यभार भी संभाल लिया।
इधर, मंगलवार की देर शाम अपर मुख्य सचिव केके पाठक अचानक विकास भवन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में पहुंच गये, वे कुछ देर रुके और लौट आये। सूत्रों के मुताबिक केके पाठक के दिल्ली में होने की बात कही जा रही है।
वह 16 जनवरी 2024 तक छुट्टी पर हैं, सूत्र बताते हैं कि इस बार बैद्यनाथ यादव नीतिगत फैसले भी ले सकेंगे। मालूम हो कि 13 जनवरी 2024 को करीब सवा लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाना है।
एमडीएम डीपीओ केके पाठक ने की कार्रवाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केके पाठक ने करीब तीन दर्जन एमडीएम डीपीओ पर कार्रवाई की है। मंगलवार से 34 जिलों के एमडीएम डीपीओ का वेतन बंद कर दिया गया है। इन अधिकारियों पर फंड उपलब्ध कराने के बाद भी मध्याह्न भोजन के लिए प्लेट नहीं खरीदने का आरोप है।
अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर एमडीएम निदेशक ने यह कार्रवाई की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा गया है कि जब तक आदेश का पालन नहीं होगा तब तक वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा।
सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर कहा गया है कि प्लेट खरीद की राशि 21 नवंबर 2023 को ही जिलों को दे दी गयी थी, लेकिन एक माह बाद भी 34 जिलों के डीपीओ ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। 6 जनवरी 2024 को हुई बैठक में एसीएस के पाठक ने पाया कि कई डीपीओ ने आदेश को गंभीरता से नहीं लिया।