Bihar Education Department के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए नया आदेश जारी किया है।
जिसके तहत विद्यालय समय में शिक्षकेतर कर्मचारियों, शिक्षकों एवं टोला सेवकों को चुनाव कार्य में ड्यूटी पर नहीं लगाया जायेगा। इन सभी की ड्यूटी शाम पांच बजे के बाद लगाई जाएगी। इस संबंध में केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर आदेश जारी किया है।
जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों और शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया जा सकता है। हालांकि, चुनाव कार्य के लिए किसी भी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा, यानी किसी भी कीमत पर स्कूली पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए।
सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बच्चों की ड्यूटी न लगाई जाए
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केके पाठक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अक्सर देखा गया है कि शिक्षा विभाग के शिक्षक, Bihar Education Department Employees and Teacher और टोला सेवकों को चुनाव संबंधी कार्य यानी बीएलओ में लगाया जा रहा है। यह भी कहा गया है कि शिक्षा विभाग को इस बात की पूरी जानकारी है कि शिक्षा विभाग के कर्मियों के सहयोग के बिना जिले में चुनाव कार्य नहीं कराया जा सकता है।
अत: इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग आपसे अनुरोध करता है कि यदि आप शिक्षा विभाग के शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मचारियों एवं टोला सेवकों की ड्यूटी चुनाव कार्य में लगाते हैं तो ध्यान रखें कि चुनाव कार्य में ड्यूटी 5 बजे के बाद ही लगाना चाहिए।
साथ ही जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक किसी भी शिक्षक, टोला सेवक और कर्मियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाए, ताकि किसी भी परिस्थिति में स्कूली पढ़ाई बाधित न हो।
साथ ही आदेश में कहा गया है कि चुनाव संबंधी कार्य शाम 5:00 बजे के बाद किया जाए, क्योंकि चुनाव कार्य के लिए अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है। इसलिए, शिक्षकों और कर्मचारियों को अतिरिक्त घंटे काम करने की आवश्यकता हो सकती है।
केके पाठक ने क्यों जारी किया आदेश?
दरअसल, शिक्षा विभाग के कर्मियों और शिक्षकों को अक्सर चुनाव कार्य में ड्यूटी पर लगाया जाता है। इसके कारण देखा गया है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है, क्योंकि शिक्षक विद्यालय समय में ही चुनाव कार्य संपन्न कराते हैं। ऐसे में वे बच्चों को ठीक से पढ़ा नहीं पाते हैं।
इससे पहले जब जाति आधारित गणना के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, तब केके पाठक ने आदेश जारी कर कहा था कि शिक्षकों की ड्यूटी सिर्फ गणना के लिए लगाई जाए। इसके अलावा शिक्षकों से कोई भी प्रशासनिक कार्य नहीं कराया जाना चाहिए। साथ ही शिक्षकों की ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाने से पहले यह ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
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