बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश के बाद सरकारी स्कूलों से 3,32,000 छात्रों के नाम काट दिये गये हैं।
इन छात्रों पर यह कार्रवाई 15 दिन से अधिक समय तक स्कूल से अनुपस्थित रहने पर की गयी। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अभिभावकों से उनके बच्चों के स्कूल नहीं आने के संबंध में शपथ पत्र मांगा गया है। कई छात्रों के अभिभावकों ने विभाग को शपथ पत्र भी सौंपे, लेकिन 3,32,000 छात्रों के अभिभावकों ने विभाग की सलाह को नजरअंदाज कर दिया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
अधिकारी के मुताबिक, अब तक कक्षा चार के सर्वाधिक 46 हजार से अधिक, कक्षा पांच के 44 हजार से अधिक, और कक्षा छह के 39 हजार से अधिक, कक्षा सात के 38 हजार से अधिक विद्यार्थियों के नाम हटा दिये गये हैं। वहीं, कक्षा दो के 31 हजार से अधिक, और कक्षा एक के 20 हजार से अधिक विद्यार्थियों के नाम काटे गए हैं। ये वे बच्चे हैं जो लगातार तीन दिन से अधिक समय से स्कूलों से अनुपस्थित चल रहे हैं।
स्कूल से गायब 332000 लाख बच्चों के नाम हटाए गए
बिहार के सरकारी स्कूलों में 3 दिन से ज्यादा समय से गायब 3 लाख 32 हजार बच्चों के नाम काट दिए गए हैं, ऐसे बच्चों को स्कूलों में नाम जुड़वाने के लिए दोबारा आवेदन करना होगा।
साथ ही उनके अभिभावकों को शपथ पत्र देना होगा कि उनके बच्चे नियमित रूप से स्कूल आयेंगे, तभी उनके बच्चे का दोबारा नामांकन हो सकेगा।
बिहार शिक्षा विभाग ने लिया एक्शन
आपको बता दें कि Bihar Education Department की ओर से पहले ही आदेश जारी किया जा चुका है कि बोर्ड Bihar Board Exam में शामिल होने के लिए Bihar School Examination Board के स्कूलों में प्रत्येक छात्रों की की उपस्थिति 75 फीसदी होनी चाहिए।
इसके अलावा अगर कोई छात्र लगातार तीन दिन तक स्कूल नहीं आता है तो छात्र को प्रिंसिपल के पास वाजिब कारण बताते हुए आवेदन देना होगा, यदि उनका कारण सही नहीं पाया गया तो उन्हें प्राचार्य के समक्ष शपथ पत्र देना होगा।