Plut Swar Kise Kahate Hain प्लुत स्वर किसे कहते हैं?

आज हम इस पोस्ट में प्लुत स्वर कितने होते हैं (Plut Swar Kitne Hote Hain)? प्लुत स्वर किसे कहते हैं? इत्यादि के बारे में विस्ताररूप से चर्चा करने जा रहे हैं। अगर आप भी इंटरनेट पर Plut Swar के बारे में सर्च कर रहे हैं, और प्लुत संधि के उदाहरण के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो ये आर्टिकल पूरा अवश्य ही पढ़ें। और हम इस पोस्ट में आपको प्लुत स्वर कितने होते हैं? प्लुत स्वर किसे कहते हैं, के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

प्लुत स्वर का एक भेद होता हैं, अगर इसकी व्याख्या करें तो, वो सभी स्वरों जिनके उच्चारण करते वक़्त दीर्घ स्वरों से अधिक समय लेते हैं, प्लुत कहलाते हैं। वे अक्सर दूर से किसी को बुलाने अथवा पुकारने के लिए उपयोग किए जाते हैं। उनको प्लुत कहा जाता हैं। प्लुत स्वर निम्न हैं — राऽऽम।प्लुत के बारे में बताने से पहले हम आपको पहले स्वर के बारे में बता दें चाहते हैं। क्यूंकि प्लुत के ही तीन भेद में से एक भेद हैं।

प्लुत स्वर किसे कहते हैं

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वो सभी स्वर जिनको उच्चारित करते वक़्त में दीर्घ स्वर से भी ज्यादा वक़्त लगता हैं। यानी की तीन मात्राओं का वक़्त लगता हो, उनको प्लुत कहा जाता हैं। अगर आसान शब्दों में कहा जाएँ तो, जिन स्वर के उच्चारण करने वक़्त तिगुना समय लगता हैं, उनको ‘प्लुत स्वर’ कहा जाता हैं।

अगर हम प्लुत स्वरों की संख्या के बारे में बात करें, तो इसका चिह्न () होता है। वहीं इसका उपयोग ज्यादातर किसी को बुलाने एवं पुकारने के वक़्त किया जाता हैं। अगर आप हमसे ये पूछना चाहते के, ‘प्लुत स्वर के उदाहरण बताइए‘ तो इसके निम्न उदाहरण जैसे की; सुनोऽऽ, ओऽऽम्, राऽऽम, इत्यादि।

हम आपको बता दें की, साधारणतः प्लुत का हिन्दी में प्रयोग नहीं ज्यादातर नहीं किया जाता हैं । वैदिक भाषा में प्लुत का प्रयोग अधिक हुआ है। इसे ‘त्रिमात्रिक स्वर‘ भी कहते हैं।

Plut Swar Example

आपको जानकर हैरानी होगी कि प्लुत का कोई निश्चित आयतन नहीं होता है। हिन्दी व्याकरण की पुस्तकों में स्वरों की कुल संख्या 11 लिखी गई है, जिनमें से 4 ह्रस्व और सात दीर्घ स्वर हैं।

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अंत में, प्रश्न उठता है कि किस स्वर को प्लुत माना जाना चाहिए? आपको बता दें कि हर्ष और दीर्घ स्वरों के मिश्रित उच्चारण को प्लुत माना जाता है।

प्लुत स्वर कौन सा है?

मुर्गे की बांग — कुकड़ू कूंऽऽ । इस बांग में तीनों स्वर हैं। ह्रस्व स्वर कु, दीर्घ स्वर ड़ू, और प्लुत कूऽऽ । प्लुत से आशय ऐसा स्वर जिनमें तीन मात्रा का समय लगे प्लुत कहलाता है।

हिंदी के स्वर वर्ण

उच्चारण के समय जिन स्वरों की वायु मुख से बिना किसी रूकावट के निकलती है, वे स्वर स्वर कहलाते हैं। अर्थात वायु बिना रुकावट के बाहर निकल जाती है, उच्चारण में वायु से घर्षण नहीं होता है। स्वर किसी अन्य स्वर की सहायता के बिना उच्चारित किया जाता है। क्योंकि सभी स्वर वर्ण स्वतंत्र होते हैं। हिन्दी भाषा में स्वरों की संख्या 11 होती है; अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ और

ये भी पढ़ें:  अन्तस्थ व्यंजन क्या है? — Antastha Vyanjan Kya Hain?

स्वर तीन प्रकार के होते हैं

Last Word:

हमें पूर्ण उम्मीद हैं कि, हमारा ये आर्टिकल आपको अवश्य ही पसंद आया होगा और साथ ही आपको लाभदायक भी लगा होगा।

तो दोस्तों, अब आप अच्छे से समझ गए होंगे के प्लुत उस स्वर को बोला जाता हैं, जिनको बोलते में ह्रस्व स्वर से तीन गुना समय लगता हो। इसके शाब्दिक उदाहरण काम, सुनोऽऽ, ओऽऽम्, राऽऽम, इत्यादि हैं।

अगर प्लुत स्वर से जुडी आपके पास कोई प्रश्न हो, या इस पोस्ट में कुछ और जानकारी की कमी लग रही हो, तो आप निचे कमेंटबॉक्स में बेझिझक कमेंट के माध्यम से अपना महत्पूर्ण टिप्पणी अवश्य ही करें। हमारी टीम सदैव ही आपके द्वारा कमेंट पाने के लिए उत्साहित रहती हैं, हम जल्द से जल्द आपकी कमेंट्स का रिप्लाई करने में हर सम्भव कोशिस करेंगे।

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