Bihar Education Department: बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में निरीक्षण को बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने बनाये ये नियम

बिहार के सरकारी स्कूलों में निरीक्षण को बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके लिए उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारियों की जिम्मेदारी भी बढ़ा दी है। उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों के प्रभावी निरीक्षण के लिए Block Project Management Units (BPMU) को सक्रिय करने का निर्देश दिया है। बीपीएमयू में 14 कर्मी कार्यरत होने चाहिए। जिस ब्लॉक में 14 कर्मी नहीं हैं, वहां कर्मियों की कमी को नामित एजेंसी से पूरा किया जाये।

इस संदर्भ में Additional Chief Secretary, Bihar Education Department, KK Pathak पत्र के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं, बीपीएमयू के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सीधे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अधीन रहेंगे।

इन बिंदुओं पर निरीक्षण के निर्देश

  • स्कूल में साफ-सफाई ठीक से हो रही है या नहीं?
  • लैब या लाइब्रेरी ठीक से काम कर रही है या नहीं?
  • टॉयलेट, क्लासरूम, फर्नीचर, लैब लाइब्रेरी की सफाई हुई है या नहीं?
  • सरकार द्वारा भेजे गये उपकरण व खेल सामग्री का उपयोग हो रहा है या नहीं?
  • स्कूल में कितने तरह के खाते होते हैं और उनमें कितनी रकम होती है।
  • मासिक परीक्षा, साप्ताहिक टेस्ट और प्रतिदिन होमवर्क दिया जा रहा है या नहीं?
  • शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति की जाँच करें।

इन अधिकारियों को ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में शामिल किया जाएगा

इसमें प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अलावा प्रखंड परियोजना प्रबंधक, कनीय प्रबंधक या कनीय अभियंता, मध्याह्न भोजन के प्रखंड साधन सेवी, लोक शिक्षा के मुख्य साधन सेवी, बिहार शिक्षा परियोजना के पांच प्रखंड साधन सेवी समेत अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे, बीपीएमयू के चौदह अधिकारी या सदस्य।

होमवर्क एवं टेस्ट की जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य

अपर मुख्य सचिव पाठक ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि स्कूल परिसर में हरा या भूरा क्षेत्र क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान स्कूलों के खातों में पड़ी राशि की भी जानकारी ली जाये। प्रत्येक माह के अंत में मासिक परीक्षा, साप्ताहिक टेस्ट एवं दैनिक होमवर्क दिया जा रहा है या नहीं इसकी जानकारी निरीक्षण के दौरान अनिवार्य रूप से ली जाये।

9 बजे से पहले स्कूल के सभी दरवाजे खोल लेना हैं

अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट आदेश दिया है कि यदि कोई भी अधिकारी विद्यालय का निरीक्षण करने जाये तो विद्यालय के सभी कमरों का ताला खुलवाया जाये। इससे पहले प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट निर्देश दें कि सुबह नौ बजे से पहले सभी दरवाजे का ताला खोल लें।

साथ ही स्कूल समय के बाद कमरों में ताला लगवा दें। इस निर्देश का पालन किया जाना चाहिए, हाउसकीपिंग के बारे में भी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। ऐसे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रभावी निरीक्षण के लिए मानक तय किये हैं।

प्रतिदिन स्कूलों का हो रहा निरीक्षण

केके पाठक ने बताया कि सभी स्कूलों का सप्ताह में तीन बार निरीक्षण किया जा रहा है। वहीं, प्रदेश भर के स्कूलों में हर दिन निरीक्षण हो रहा है, इसके कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है।

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हालाँकि, अभी भी कई Bihar School Examination Board के स्कूल ऐसे हैं जहाँ सुधार की बहुत आवश्यकता है, अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।

निरीक्षण प्रभावी होना चाहिए

केके पाठक ने कहा कि कई जगहों पर देखा गया है कि अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण सिर्फ मौखिक या रूटीन तरीके से करते हैं।

लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए, हमें निरीक्षण को केवल उपस्थिति तक सीमित नहीं रखना चाहिए। बल्कि निरीक्षण के दौरान स्कूल के सभी पहलुओं के साथ-साथ शिक्षा के स्तर की भी जांच करनी है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण सिर्फ पैसे की खानापूर्ति के लिए नहीं किया जाना चाहिए, निरीक्षण प्रभावी होना चाहिए।

जांच सूची खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है

गौरतलब है कि खंड शिक्षा अधिकारियों के कार्यों से संबंधित चेक लिस्ट भी खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है। उदाहरण के लिए, आईसीटी लैब वाले स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है या नहीं, दैनिक निरीक्षण और शिक्षा सेवकों की दैनिक उपस्थिति आदि के निष्कर्षों को ई-शिक्षा कोष में शामिल किया गया है।

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