Bihar Education Department: केके पाठक ने दिये निर्देश, अब बिहार में बदलेगी सरकारी स्कूलों की सूरत, खर्च होंगे 1090 करोड़ रुपये

सरकार ने राज्य के हाई स्कूलों में जमा 1090 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है, यह राशि हाई स्कूलों के निकट प्राथमिक विद्यालयों के विकास पर खर्च की जायेगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों को निर्देश दिये हैं।

उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा है कि जमा राशि माध्यमिक विद्यालयों में पड़ी है। वहीं, प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में फर्नीचर की कमी के कारण बच्चे फर्श पर बैठने को मजबूर हैं। निरीक्षण के दौरान पाया गया है कि कई माध्यमिक विद्यालयों में फर्नीचर की अधिकता है अथवा उनके छात्र कोष में काफी धनराशि पड़ी हुई है। अपनी जरूरतें पूरी करने के बाद भी उनके पास अभी भी 20-30 लाख रुपये की रकम पड़ी हुई है। इसके विपरीत प्राथमिक व मध्य विद्यालयों की स्थिति अच्छी नहीं है, शौचालय में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।

बिहार के सभी सरकारी हाई स्कूलों में जमा 1090 करोड़ रुपये प्राथमिक विद्यालयों के विकास पर खर्च किये जायेंगे।। Additional Chief Secretary of Education Department KK Pathak ने सभी जिलों को निर्देश दिया है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा है कि जमा राशि माध्यमिक विद्यालयों में पड़ी है, प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में फर्नीचर की कमी के कारण बच्चे फर्श पर बैठने को मजबूर हैं।

माध्यमिक विद्यालयों पर एक माह में 24 करोड़ रुपये खर्च

Additional Chief Secretary of Education Department KK Pathak ने आदेश में कहा है कि पिछले जुलाई माह में माध्यमिक विद्यालयों में 1100 करोड़ रुपये जमा किये गये थे। तब विभाग ने सभी को इस राशि का उपयोग अपने स्कूलों के नवीनीकरण, मरम्मत, शौचालय, फर्नीचर, लैब आदि में करने के लिए प्रोत्साहित किया था। जब से माध्यमिक विद्यालयों का संचालन शुरू हुआ है, पिछले एक महीने में उनके छात्र कोष और विकास कोष से 24 करोड़ रुपये खर्च होने से उनकी स्थिति में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि आने वाली सर्दी में यह सुनिश्चित करें कि प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय का कोई भी बच्चा फर्श पर न बैठे, यदि माध्यमिक विद्यालयों की धनराशि से पर्याप्त फर्नीचर नहीं खरीदा जा सकता तो कम से कम कालीन खरीदकर इन विद्यालयों को उपलब्ध कराया जाय।

यहां नये स्कूल बनाये जायेंगे

बिहार शिक्षा विभाग के अनुसार, अररिया, औरंगाबाद, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया, गोपालगंज, जमुई, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पटना, सीवान, सहरसा, सुपौल, वैशाली, पश्चिमी चंपारण और लखीसराय, खगड़िया में नौ, खगड़िया में चार, अरवल में छह, बांका, पूर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर और जहानाबाद में आठ-आठ, बक्सर में एक, नालंदा में सात, शेखपुरा में तीन, शिवहर और सारण में पांच स्कूलों का निर्माण उपलब्ध धनराशि से होगी।

इसी तरह शिक्षा विभाग ने स्कूलों की चहारदीवारी बनाने के लिए 15.96 करोड़ रुपये जारी किये हैं। इस राशि से 1891 स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है। राज्य के 278 भवनहीन विद्यालयों में भवन निर्माण के लिए 82 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी है, इसमें भवन निर्माण के लिए प्रति विद्यालय 29 लाख रुपये से अधिक दिये गये हैं। इस राशि से भवन निर्माण के अलावा शौचालय, पेयजल व विद्युतीकरण का कार्य भी कराया जायेगा।

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