बिहार के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों का रुका हुआ वेतन जल्द मिलेगा। Bihar CM Nitish Kumar ने विश्वविद्यालयों को शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के वेतन के लिए 251.56 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में जारी किए हैं।
इस अनुदान से विश्वविद्यालय अपने कर्मचारियों को पिछले दो महीने से बकाया वेतन का भुगतान करेगा। शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार की देर शाम अनुदान राशि जारी कर दी गयी, विभाग की निदेशक रेखा कुमारी ने अपने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1132.05 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।
Bihar Education Department आगामी महीनों में समय-समय पर शेष अनुदान भी जारी करेगा। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को दो महीने के लिए सबसे अधिक 38.64 करोड़ रुपये का आवंटन मिला है, इसके बाद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) को 31.17 करोड़ रुपये, एलएन मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा) को 29.98 करोड़ रुपये और मगध विश्वविद्यालय (बोधगया) को 28.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
बता दें कि राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पिछले जून से वेतन नहीं मिला है, सरकार द्वारा राशि जारी करने के बाद अब अगले कुछ दिनों के भीतर उनका शेष वेतन खाते में जमा कर दिया जाएगा।
नीतीश सरकार ने जारी किए 251 करोड़
राज्य विश्वविद्यालयों/कॉलेजों और स्कूलों में विलंबित वेतन भुगतान एक पुरानी समस्या है और सरकारी संस्थानों की तरह वेतन का मासिक वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र अभी भी स्थापित नहीं किया गया है। यहां तक कि पेंशन भुगतान और सेवानिवृत्ति लाभ भी विश्वविद्यालयों में महीनों तक अटके रहते हैं और अदालती मामलों में फंस जाते हैं।
बिहार सरकार ने बुधवार को पेंशन भुगतान के लिए 281.91 करोड़ रुपये का अनुदान भी जारी कर दिया था, लेकिन वीकेएस यूनिवर्सिटी (आरा) और एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी में वह केवल जून महीने की पेंशन का भुगतान कर सकी। जबकि अन्य विश्वविद्यालयों में दो माह जून व जुलाई की पेंशन का भुगतान कर दिया गया है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन के लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1230.22 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट को मंजूरी दी है।