शिक्षा विभाग में Additional Chief Secretary बनने के बाद कड़क Two Teachers will not be seen teaching आईएएस केके पाठक की कई बार आलोचना हुई और कई बार तारीफ भी हुई, कभी शिक्षकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला तो कभी गांधी मैदान में खचाखच भरी भीड़ ने उनके लिए तालियों की गड़गड़ाहट से आसमान गुंजायमान कर दिया।
वहीं KK Pathak अकेले ही बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसका परिणाम यह हुआ कि न केवल सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ी बल्कि वहां पढ़ाने वाले शिक्षक भी समय पर आने लगे।
अब केके पाठक के नेतृत्व में शिक्षा विभाग ने एक नया और बड़ा फैसला लिया है, नए आदेश के मुताबिक बिहार के सरकारी स्कूलों में उतने ही क्लासरूम होंगे जितने शिक्षक होंगे। इसको लेकर केके पाठक ने बिहार के सभी डीएम को निर्देश भी भेजा है।
शिक्षकों और छात्रों के लिए 940 करोड़ रुपये स्वीकृत
इस ताजा निर्देश के मुताबिक, स्कूल में कमरों की संख्या शिक्षकों की संख्या के बराबर होगी। कुल मिलाकर कई बार ऐसी खबरें आईं कि दो शिक्षक एक ही कमरे में एक ही ब्लैकबोर्ड पर अलग-अलग कक्षाओं के बच्चों को पढ़ा रहे थे।
ऐसी ही तस्वीर दोबारा सामने नहीं आनी चाहिए, ‘मतलब एक कक्षा में एक समय में एक ही क्लास चलेगी और उसमें एक ही शिक्षक पढ़ाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पूरी 940 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है, स्कूलों को और बेहतर बनाने के लिए अगले साल यानी 2024 में 2.5 हजार करोड़ रुपये और दिये जायेंगे।
प्राथमिक, मध्य एवं उच्च मध्य विद्यालयों के बीच राशि का वितरण किया गया
- प्राइमरी स्कूलों को ठीक कराने, अलग रूम बनाने और बाकी काम के लिए 305 करोड़ रुपयों के फंड को मंजूरी दी गई है।
- स्कूलों में नई बिल्डिंग और ज्यादा रूम बनाने के लिए प्राइमरी स्कूलों को 192.26 करोड़ रुपए और मिडिल स्कूलों के लिए 90 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
- स्कूलों में बेंच डेस्क के लिए प्राइमरी और मिडिल को 200 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
- वहीं मिडिल स्कूलों के लिए 110.95 करोड़ रुपयों का फंड मंजूर किया गया है।
- स्कूलों में हाउसकीपिंग के लिए 42 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है जो दो महीने के लिए है। ये पैसे दे भी दिए गए हैं।
डीएम केके पाठक ने दिए निर्देश में कहा है कि प्रत्येक विद्यालय में Two Teachers will not be seen teaching व नियोजित शिक्षकों के लिए एक-एक कक्षा कक्ष का निर्माण कराया जाये, स्कूलों और उनके शौचालयों की मरम्मत करायी जाये।