Bihar Education Department को लेकर बड़ा फैसला लिया है, विभाग ने शिक्षकों को चेतावनी दी है कि अगर वे अनर्गल बयानबाजी करेंगे तो कार्रवाई की जायेगी। विभाग ने कहा है कि अगर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी अनर्गल बयानबाजी करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
साथ ही यदि कोई शिक्षक या कर्मचारी कोई यूनियन स्थापित करता है या उसका सदस्य बनता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर विभाग ने मंगलवार को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है।
बिहार के शिक्षक शाम 5 बजे के बाद ही चुनाव संबंधी कार्य करेंगे, उन्हें स्कूल समय के दौरान चुनाव कार्य करने के लिए नहीं कहा जाएगा।
स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है, इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मंगलवार को सभी डीएम को पत्र जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव कार्य के लिए अलग से मानदेय दिया जाता है, इसलिए अगर उन्हें अतिरिक्त काम भी करना पड़े तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
बच्चों की कम उपस्थिति का प्रधानाध्यापक देंगे जवाब
स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम होने पर वहां के प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की जायेगी। ऐसे हेडमास्टरों को शाम में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में बुलाकर स्पष्टीकरण पूछा जायेगा, इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने सभी डीएम को पत्र जारी किया है, विभाग ने कहा है कि हर संभव प्रयास के बावजूद कुछ जिलों में 50 से कम उपस्थिति वाले स्कूलों की संख्या अधिक है।
शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित शिक्षकों को 30 नवंबर 2023 तक अपने स्कूल में योगदान देना होगा। 30 नवंबर 2023 के बाद योगदान स्वीकार नहीं किया जाएगा।
साथ ही, वे चयनित शिक्षक जो पहले सरकारी सेवा (केंद्र या राज्य सरकार) (नियोजित शिक्षकों सहित) में रहे हैं, उन्हें योगदान देने के लिए 7 दिसंबर 2023 तक का मौका दिया गया है।
इस संबंध में विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी किया है।