केके पाठक ने अपने पत्र में साफ कहा है कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी बनाने के लिए दक्षता परीक्षा ली जा रही है, इसलिए ऐसे शिक्षकों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी ताकि ये सभी सरकारी कर्मचारी न बन सकें।
पिछले छह माह से लगातार नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध निगरानी के दौरान कई प्रकार की अनियमितताएं पायी गयी है, जिसके आलोक में संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कई कार्रवाई की गयी है। राज्य के विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 582 नियोजित शिक्षक छह माह से अधिक समय से गायब हैं। ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया के तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई की जायेगी।
इन सभी शिक्षकों पर अविलंब कार्रवाई को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शुक्रवार को पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह को पत्र लिखा है। केके पाठक ने अपने पत्र में साफ कहा है कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी बनाने के लिए दक्षता परीक्षा ली जा रही है, इसलिए ऐसे शिक्षकों पर तुरंत कार्रवाई करनी होगी, ताकि ये सभी सरकारी कर्मचारी न बन सकें।
पिछले छह माह से लगातार नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध अनुश्रवण के दौरान विभिन्न अनियमितताएं पायी गयी हैं, जिसके आलोक में संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कई कार्रवाई की गयी है.
कई शिक्षकों के वेतन में कटौती
बिना अनुमोदन के अनुपस्थित रहने पर कई शिक्षकों का वेतन काट लिया गया है। लेकिन अन्य गंभीर मामलों में जब निलंबन एवं बर्खास्तगी की कार्रवाई की अनुशंसा की गयी, तो संबंधित नियोजन इकाइयों द्वारा संबंधित शिक्षकों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गयी है, यह बहुत ही गंभीर मामला है। 582 नियोजित शिक्षक छह माह से अधिक समय से बिना सूचना के गायब हैं। उनमें से कई दो साल से अधिक समय से लापता हैं।
ऐसे सभी मामलों में बर्खास्तगी और निलंबन की अनुशंसा की गई, लेकिन केवल 13 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया और केवल दस को निलंबित किया गया। 134 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें निलंबित करने की अनुशंसा की गयी है, लेकिन 34 को ही निलंबित किया गया है।