Bihar Educational Department: बिहार के सरकारी स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों के लिए Model Time Table Released जारी, छुट्टियों का समय भी बदला

Bihar Education Department ने बिहार के सभी प्रकार के सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए मॉडल टाइम टेबल जारी कर दिया है, यह Bihar Board Schools Time Table आम तौर पर 1 दिसंबर 2023 से सभी स्कूलों में प्रभावी होगा।

इस BSEB Schools Time Table & Model Time Table Released के जरिए उन बच्चों की विशेष कक्षाएं ली जाएंगी जो पढ़ने-लिखने में कमजोर हैं, यह पूरी कवायद मिशन दक्ष के रूप में 1 दिसंबर 2023 से प्रभावी हो जाएगी।

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आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इसी टाइम टेबल के जरिए स्कूल बंद होंगे और शुरू होंगे। स्कूल अपने स्तर पर इस टाइम टेबल में कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे, अगर स्कूल में किसी कक्षा की बोर्ड या सेंटअप परीक्षा हो रही है तो अन्य कक्षाएं निलंबित नहीं की जाएंगी। शनिवार को पूरे दिन चहल-पहल रहेगी, भोजनावकाश के बाद शिक्षण कार्य होगा। इसके बाद बाल संसद और अभिभावकों के साथ बैठक होगी।

प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय समय सारणी

  • Model Time Table Released के मुताबिक स्कूल खुलने का समय सुबह 9 बजे होगा। इसके बाद सुबह 9 बजे से रात 9:30 बजे तक प्रार्थना, योगाभ्यास, व्यायाम व ड्रिल होगी। पहली घंटी 9:30 से 10:10 तक, दूसरी 10:10 से 10:50 तक, तीसरी 10:50 से 11:30 तक, चौथी 11:30 से 12:10 तक होगी।
  • एमडीएम एवं मध्यांतर 12:10 से 12:50 तक होगा। इसके बाद पांचवीं घंटी 12:50 से 1:30 तक, छठी घंटी 1:30 से 2:10 तक, सातवीं घंटी 2:10 से 2:50 तक, आठवीं घंटी 2:50 से 3:30 तक रहेगी। 3:30 बजे और फिर 3:30 बजे स्कूल की छुट्टी कर दी जाएगी।

संस्कृत और उर्दू स्कूल भी Model Time Table का पालन करेंगे

संस्कृत बोर्ड स्कूल और सरकारी उर्दू स्कूल भी उपरोक्त मॉडल टाइम टेबल का पालन करेंगे। मिशन दक्ष की तरह दोपहर 3:30 बजे से शाम 4:15 बजे तक विशेष कक्षाएं संचालित की जाएंगी। कक्षा एक और दो के बच्चों को छोड़कर शाम 4.15 से 5.00 बजे तक होमवर्क चेक किया जाएगा।

पाठ्य टिप्पणी तैयार की जाएगी, मिशन दक्ष की कक्षाएं ली जाएंगी। इसके बाद पांच बजे शिक्षक को बर्खास्त कर दिया जायेगा।

एक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चों को पढ़ाना होगा

अपर मुख्य सचिव पाठक ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चों को पढ़ाना होगा. इससे ज्यादा नहीं, शिक्षकों को इतने बच्चों को गोद लेना होगा। इन शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि वे जिस कक्षा में नामांकित हैं, उस कक्षा का बच्चों को गुणवत्तापूर्ण ज्ञान दें।

दरअसल, BSEB कमजोर बच्चों का मतलब उन छात्रों से है जिनका ज्ञान या समझ उस कक्षा के स्तर से कम है, जिसमें वे पढ़ रहे हैं।

कमजोर बच्चों के लिए विशेष कक्षा

सरकारी स्कूलों में पढ़ने में बेहद कमजोर कक्षा 3 से 8 तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी।

ये कक्षाएं एक दिसंबर से प्रतिदिन संचालित की जाएंगी। ये कक्षाएं स्कूल की गतिविधियां समाप्त होने या लंच ब्रेक के बाद आयोजित की जाएंगी। यह पूरी कवायद ‘मिशन दक्ष’ के तौर पर संचालित की जाएगी. इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने हाल ही में सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखा था।

अपर मुख्य सचिव पाठक ने बताया कि यह पूरी कवायद एक दिसंबर से शुरू की जाएगी। इसके संचालन के लिए जिला अधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जिसमें मिशन दक्ष के कुशल संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

जिला स्तरीय परीक्षा अप्रैल 2024 में ली जायेगी

Additional Chief Secretary Pathak ने जिला अधिकारियों से कहा है कि अप्रैल 2024 में जिला स्तर पर 25 लाख बच्चों की परीक्षा आयोजित की जायेगी। यदि ये बच्चे उस परीक्षा में फेल हो गये, तो संबंधित प्रधानाध्यापक व शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी। इस पूरी कवायद की जिम्मेदारी जिला अधिकारियों को सौंपी गई है।

मिशन दक्ष में माध्यमिक शिक्षकों की अहम भूमिका होगी

अपर मुख्य सचिव पाठक ने व्यवस्था दी है कि मिशन दक्ष में माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। कहा गया है कि सभी माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति प्रतिदिन ली जायेगी, लेकिन यह ध्यान में रखा जायेगा कि उन्होंने इस दौरान कितनी कक्षाएं लीं।

यदि यह शिक्षक मिशन दक्ष की कक्षा में छह घंटियां नहीं पढ़ाते हैं तो यह माना जाएगा कि वह विद्यालय में केवल शारीरिक रूप से उपस्थित थे। अत: उस दिन का वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा।

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