बिहार में BPSC New Teacher से बहाल शिक्षकों की ज्वाइनिंग प्रक्रिया जारी है, इस बीच केके पाठक का उनके ट्रेनिंग सेंटरों पर आना-जाना लगातार जारी है. केके पाठक लगातार उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। केके पाठक ने शिक्षकों से कहा है कि स्कूली बच्चों को ध्यान से पढ़ाना है।
इसके अलावा उन्होंने बीपीएससी शिक्षकों को विभाग से मिलने वाली सभी सुविधाएं भी मुहैया कराने का वादा किया है, इस बीच हजारों शिक्षक नौकरी ज्वाइन करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
बिहार में 1 लाख 20 हजार BPSC New Teacher शिक्षकों की बहाली की गई है, इन्हें विभिन्न स्कूलों में तैनात किया जा रहा है। शुरुआत में कहा गया कि कई शिक्षकों ने ग्रामीण इलाकों में काम करने में रुचि नहीं दिखाई है। इसके बाद केके पाठक की ओर से कहा गया कि उसे गांव में नौकरी करनी होगी, वहां आपको गांव वालों का प्यार मिलेगा। बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनका ग्रामीणों से संपर्क भी बढ़ेगा।
इस दौरान शिक्षा विभाग पर यह भी आरोप लगा कि बिहार के बाहर के शिक्षकों की नियुक्ति शहरों में की जा रही है, ग्रामीण इलाकों में बिहारी शिक्षकों को भेजा जा रहा है। इसको लेकर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी ने शिक्षा विभाग पर बड़ा आरोप लगाया है।
हालांकि इन आरोपों से अलग केके पाठक अपने काम में व्यस्त रहे, उन्होंने बीपीएससी से बहाल शिक्षकों की पोस्टिंग प्रक्रिया जारी रखी।
BPSC New Teacher केके पाठक का विभाग परेशान
इस बीच एक नई समस्या सामने आ रही है, जो केके पाठक को परेशान कर रही है। बीपीएससी उत्तीर्ण कई शिक्षकों ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है, वे किसी से बात नहीं कर रहे हैं। शिक्षा विभाग से उनके पास लगातार फोन आ रहे हैं, BPSC New Teacher वे कोई जवाब नहीं दे रहे हैं।
पूरा मामला आप ऐसे समझ सकते हैं, नवनियुक्त शिक्षकों में पटना जिले में कुल 4 हजार 835 शिक्षकों को योगदान देना है। BPSC New Teacher से मिली जानकारी के अनुसार अब तक पटना जिले में एक हजार शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है। सिर्फ पटना सदर की बात करें तो यहां पदस्थापित 70 में से मात्र 28 नवनियुक्त शिक्षकों ने ही योगदान दिया है, यही स्थिति पटना के ग्रामीण इलाकों की भी बताई जा रही है।
शिक्षक योगदान देने नहीं आये
मोबाइल बंद करने वाले शिक्षकों की संख्या सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों में बताई जा रही है। वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि उनके योगदान नहीं देने का कारण क्या है, पटना जिले के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। कई स्कूलों में पांच शिक्षकों की जगह एक ही शिक्षक पढ़ा रहे हैं, हाल ही में पटना के कई स्कूलों की हालत मीडिया में चर्चा का विषय बनी थी। शिक्षा विभाग को आश्चर्य है कि राजधानी पटना में शिक्षक ज्वाइनिंग से क्यों कतरा रहे हैं? विभाग के मुताबिक जिन शिक्षकों ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है, उन्होंने बाकायदा ट्रेनिंग भी ली है। उन्होंने काउंसलिंग में भी हिस्सा लिया है। वे अपना मोबाइल बंद कर योगदान देने में सक्षम नहीं हैं।
शिक्षा विभाग लगातार ऐसे शिक्षकों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। हालांकि, इनकी संख्या काफी ज्यादा है, इसलिए विभाग इन्हें अलग-अलग बुलाकर संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है।
शिक्षकों ने अपने मोबाइल बंद कर लिए
उधर, शिक्षा विभाग ने पटना जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों के स्कूलों में बीपीएससी द्वारा बहाल शिक्षकों की सूची भेज दी है। हर दिन स्कूल में उसके आने का इंतजार रहता। बताया जा रहा है कि कई ऐसे स्कूल हैं जहां शिक्षक योगदान नहीं कर पाये हैं। इन शिक्षकों को जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 25 नवंबर 2023 तक हर हाल में ज्वाइन करने का आदेश दिया था।
इस आदेश के बाद लगातार शिक्षकों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, उनसे जल्द से जल्द योगदान देने को कहा जा रहा है।
वहीं, शिक्षक न तो फोन उठा रहे हैं और न ही योगदान नहीं देने का कोई कारण बता रहे हैं, कई शिक्षकों ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है। इससे केके पाठक और शिक्षा विभाग भी चिंतित है, आखिर क्या कारण है कि ये शिक्षक ज्वाइनिंग से कतरा रहे हैं?
ऐसे शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
शिक्षकों के योगदान नहीं देने के मामले में पटना जिला शिक्षा विभाग ने अलग से कवायद शुरू कर दी है। पटना जिला शिक्षा विभाग ने योगदान नहीं देनेवाले शिक्षकों की अनुपस्थिति की जानकारी और आंकड़े जुटाने शुरू कर दिये हैं। जिन स्कूलों में नवनियुक्त शिक्षकों का चयन हुआ है, वहां से उनकी अनुपस्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है। जिनका चयन पिछले स्कूल में हो चुका है, उन्हें सेवा से हटाने का आदेश भी जारी कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि कई नियोजित शिक्षक अभी भी अपनी पुरानी जगह से नहीं हटे हैं, ऐसे में इसका असर उनकी नवंबर की सैलरी पर पड़ने वाला है। शिक्षा विभाग ने पटना जिले और ग्रामीण क्षेत्र के नियोजित शिक्षकों को 1 दिसंबर 2023 तक का अल्टीमेटम जारी किया है। जिसमें अनुपस्थिति का ब्योरा देने का आदेश दिया गया है, ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है।