Bihar Education Project Council ने राज्य के सरकारी स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए मासिक शैक्षणिक कैलेंडर जारी कर दिया है, साथ ही बच्चों के लिए होमवर्क करना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
उदाहरण के तौर पर कक्षा एक के बच्चों को अक्षर, एक से 99 तक गिनती और बीस तक उल्टी गिनती याद करनी होगी। वहीं 8वीं क्लास के बच्चे को होमवर्क में टीवी पर अंग्रेजी डिबेट सुननी होगी, इस पर कक्षा में चर्चा करनी होगी। इसके अलावा छुट्टियों में बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क भी दिया जाएगा।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है कि इन दिशानिर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये।
Bihar School Monthly Calendar : पाठ्य पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें भी पढ़नी होंगी
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य निदेशक बी कार्तिकेय धनजी ने इस मामले में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से दो दिनों के अंदर राय मांगी है। Bihar School Monthly Calendar आठवीं कक्षा के होमवर्क में हिंदी और उर्दू की पाठ्य पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें भी पढ़नी होती हैं।
टीवी पर अंग्रेजी डिबेट सुननी है, ये सब आपको अपनी समझ के अनुसार लिखना और समझाना होगा। गणित में आपको वर्ग/वर्गमूल, घन/घनमूल, रैखिक समीकरण, छूट और दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अवधारणाओं का उपयोग आदि सीखना होगा।
कक्षा एक के बच्चों को बीस तक गिनती सीखनी होगी
कक्षा 1 के बच्चों को हिंदी/उर्दू और अंग्रेजी वर्णमाला और अक्षर, गिनती और गणितीय संख्याएं आदि याद करनी होंगी। इसी तरह, कक्षा दो, तीन और चार के लिए होमवर्क विषय निर्धारित किए गए हैं। (Bihar School Monthly Calendar) प्रत्येक कक्षा के लिए एक अवकाश प्रोजेक्ट होगा और अवकाश के दिन एक होमवर्क प्रोजेक्ट भी दिया जाएगा।
कक्षा पांच के बच्चों को व्याकरण याद रखना होगा
जबकि पांच के बच्चों को हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी के व्याकरण आदि की जानकारी होमवर्क में याद करनी होगी, और कक्षा सात के बच्चों को कहानी-कविता सारांश, मुहावरे और कहावतें आदि की जानकारी याद रखनी होगी।
शिक्षकों को प्रगति रिपोर्ट देनी होगी
प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक विषय के पाठों को मासिक शैक्षणिक कैलेंडर पर महीनों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक माह औसतन दो, अधिकतम तीन तथा न्यूनतम एक पाठ पढ़ाने का प्रयास किया गया है।
तदनुसार मासिक परीक्षण भी आयोजित किए जाएंगे, शिक्षकों को प्रगति रिपोर्ट भी देनी होगी और कॉपियों का मूल्यांकन भी करना होगा।
कक्षा 9 से 12 तक के लिए परीक्षा कार्यक्रम
- कक्षा नौ की अर्धवार्षिक परीक्षा 25 सितंबर 2023, 26 सितंबर 2023, 27 सितंबर 2023, 29 सितंबर 2023 एवं 30 सितंबर 2023 को ली जायेगी। इसकी वार्षिक बोर्ड/परीक्षा 26 फरवरी 2024, 27 फरवरी 2024, 28 फरवरी 2024 एवं 29 फरवरी 2024 को दो पालियों में ली जायेगी।
- 10वीं कक्षा की अर्धवार्षिक परीक्षा भी 25 सितंबर 2023, 26 सितंबर 2023, 27 सितंबर 2023, 29 सितंबर 2023 एवं 30 सितंबर 2023 को आयोजित की जाएगी। वहीं 10वीं कक्षा की सेंटअप परीक्षा 23 नवंबर 2023, 24 नवंबर 2023, 25 नवंबर 2023 और 27 नवंबर 2023 नवंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है, इसका फैसला Bihar School Examination Board करेगा।
- 11वीं कक्षा की अर्धवार्षिक परीक्षा 25 सितंबर 2023, 26 सितंबर 2023, 27 सितंबर 2023, 29 सितंबर 2023 एवं 30 सितंबर 2023 को ली जाएगी, वार्षिक परीक्षा मार्च 2024 में होगी। साइंस, कॉमर्स और वोकेशनल संकाय की परीक्षा 21 मार्च 2024, 22 मार्च 2024, 23 मार्च 2024, 25 मार्च 2024 और 26 मार्च 2024 को दो पालियों में होगी। वहीं कला संकाय की परीक्षा 21 मार्च 2024, 22 मार्च 2024, 23 मार्च 2024, 25 मार्च 2024, 26 मार्च 2024, 27 मार्च 2024 और 28 मार्च 2024 को दो पालियों में आयोजित की गई है।
- 12वीं कक्षा की अर्धवार्षिक परीक्षा 25 सितंबर 2023, 26 सितंबर 2023, 27 सितंबर 2023, 29 सितंबर 2023 एवं 30 सितंबर 2023 को होगी, सेंट अप परीक्षा अक्टूबर में होगी। साइंस, कॉमर्स और वोकेशनल संकाय की परीक्षाएं 26 अक्टूबर 2023, 27 अक्टूबर 2023, 28 अक्टूबर 2023, 30 अक्टूबर 2023 और 31 अक्टूबर 2023 को होंगी। जबकि कला संकाय की परीक्षा अक्टूबर महीने में 26 अक्टूबर 2023, 27 अक्टूबर 2023, 28 अक्टूबर 2023, 30 अक्टूबर 2023, 31 अक्टूबर 2023 और नवंबर में 1 और 2 तारीख को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। वार्षिक परीक्षा की तारीख BSEB Patna तय करेगा।
इससे पहले कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए मासिक परीक्षाओं का कार्यक्रम भी पिछले महीने BSEB Bihar Board द्वारा घोषित किया गया था। इसमें इन कक्षाओं की अर्धवार्षिक और सेंटअप परीक्षा की तिथि भी तय कर दी गयी है। जिसके लिए प्रश्न पत्र सह उत्तर पुस्तिका बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा विद्यालयों को उपलब्ध करायी जायेगी।
इसके बाद परीक्षा के नतीजे जारी किए जाएंगे और विश्लेषण भी किया जाएगा, इस विश्लेषण में जिस स्कूल का परीक्षा परिणाम असंतोषजनक पाया जाएगा उस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी विशेष ध्यान देंगे। ताकि विद्यालय का शैक्षिक स्तर सुधर सके।