Bihar Educational Department: भागलपुर के सरकारी स्कूलों से 15000 छात्रों के नाम काटे गये, केके पाठक की वजह से हेडमास्टरों की बढ़ी टेंशन

Bihar Educational Department के अपर मुख्य सचिव KK Pathak के निर्देश का अब पालन किया जा रहा है, और स्कूल नहीं आने वाले छात्रों का नाम भी काटा जा रहा है। सिर्फ योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्र शिक्षा विभाग के रडार पर हैं। भागलपुर में स्कूल से दूर रहने वाले छात्रों का नाम काटा जा रहा है, अब तक जिले के 15 हजार विद्यार्थियों के नाम हटा दिये गये हैं।

भागलपुर DPO जमाल मुस्तफा ने बताया कि 15 हजार छात्रों का नाम स्कूल से हटा दिया गया है। ये सभी ऐसे बच्चे हैं जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ही सरकारी स्कूलों में दाखिला लेते हैं, ये बच्चे स्कूल नहीं आते।

ऐसे में विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति नामांकन के अनुरूप नहीं है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र के आधार पर जिले के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों द्वारा लगातार ऐसे छात्रों के नामांकन में कटौती की जा रही है। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि कक्षा में 75 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य है।

केके पाठक का नया आदेश

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्कूलों के प्रभावी निरीक्षण के लिए ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (बीपीएमयू) को सक्रिय करने का निर्देश दिया है, बीपीएमयू में 14 कर्मी कार्यरत होने चाहिए।

जिस ब्लॉक में 14 कर्मी नहीं हैं, वहां कर्मियों की कमी को नामित एजेंसी से पूरा किया जाये। इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बीपीएमयू के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सीधे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के अधीन रहेंगे। अपर मुख्य सचिव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि स्कूल परिसर में हरा या भूरा क्षेत्र क्षतिग्रस्त नहीं होना चाहिए, कहा कि निरीक्षण के दौरान विद्यालयों के खाते में पड़ी राशि की भी जानकारी ली जाये। प्रत्येक माह के अंत में मासिक परीक्षा, साप्ताहिक टेस्ट एवं दैनिक होमवर्क दिया जा रहा है या नहीं इसकी जानकारी निरीक्षण के दौरान अनिवार्य रूप से ली जाये।

अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट आदेश दिया है कि यदि कोई भी अधिकारी BSEB Bihar Board विद्यालय का निरीक्षण करने जाये तो विद्यालय के सभी कमरों का ताला खुलवाया जाये। इसके पूर्व प्रधानाध्यापकों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि वे सुबह नौ बजे से पहले सभी दरवाजों का ताला खोल लें। साथ ही स्कूल समय के बाद कमरों में ताला लगवा दें, इस निर्देश का पालन करना होगा।

स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति पर प्रधानाध्यापक का वेतन रोका जाएगा

अब स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति प्रधानाध्यापकों के लिए भी नई समस्या बन गयी है। भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने मंगलवार को पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि जिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम है, वहां के प्रधानाध्यापक नामांकन रद्द करने में हिचकिचाहट जता रहे हैं।

अब ऐसे हेडमास्टरों पर भी कार्रवाई होगी, निरीक्षण के दौरान Bihar School Examination Board के स्कूलों में 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति पाये जाने पर प्रधानाध्यापक का वेतन रोक दिया जायेगा।

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राजभवन और शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को साफ कहा है कि अगर छात्रों की कक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं है, तो ऐसे छात्रों को परीक्षा फॉर्म भरने से रोक दिया जाये। इसे लेकर कॉलेजों ने भी नोटिस जारी किया कि छात्रों को अनिवार्य रूप से 75 फीसदी कक्षाओं में उपस्थित होना होगा, इसके बाद से कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति अचानक बढ़ गई है।

इसका असर कॉलेजों में भी दिखने लगा

उधर, राजभवन और सरकार के निर्देश का असर भागलपुर के कॉलेजों में पढ़ाई और छात्रों पर दिख रहा है, कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी है। कॉलेजों में क्लास रूम और डेस्क-बेंच की कमी है, जब बड़ी संख्या में छात्र कक्षा में आते हैं तो बैठने के लिए डेस्क और बेंच उपलब्ध नहीं होते हैं। ऐसे में कई बार छात्रों को खड़े होकर क्लास करनी पड़ती है।

कॉलेजों के प्राचार्यों का कहना है कि क्लास रूम और डेस्क-बेंच की व्यवस्था की जायेगी, इसको लेकर विकल्प तलाशे जा रहे हैं। बीएन कॉलेज, एसएम कॉलेज, टीएनबी कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेजों में छात्रों की संख्या बढ़ने के कारण जगह की कमी हो गयी है।

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