बिहार में पिछले 10 दिनों के अंदर करीब एक लाख बच्चों के नाम स्कूलों से हटा दिए गए हैं। यह कार्रवाई Bihar Education Department के अपर मुख्य सचिव KK Pathak के निर्देश पर की गयी है।
नामांकन डुप्लीकेसी यानी एक से अधिक जगह पर नामांकन रद्द करने और गलत तरीके से योजनाओं का लाभ लेने के खिलाफ विभाग ने गंभीरता दिखायी है, जिन बच्चों के नाम काटे गए हैं वे सभी वे छात्र हैं जिनका नामांकन सरकारी और निजी स्कूलों में एक साथ हुआ था।
इससे पहले ACS KK Pathak ने सभी जिलों को लगातार तीन दिन तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों को नोटिस देने का निर्देश दिया था। उनके माता-पिता से बात करें और बच्चों को स्कूल आने के लिए कहें, इसके बाद भी लगातार 15 दिनों तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया जाये।
ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है
शिक्षा विभाग को जिलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक 13 सितंबर 2023 तक 1 लाख 1 हजार 86 बच्चों के नाम स्कूलों से हटाये गये हैं। ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, ये सभी वे बच्चे हैं जिनका नामांकन इसी माह रद्द कर दिया गया है।
केके पाठक ने 2 सितंबर 2023 को जिलाधिकारियों को लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का नामांकन रद्द करने का निर्देश दिया था। पाठक ने कहा कि हर छात्र का पता लगाया जाना चाहिए, यह देखना होगा कि वह एक साथ दो विद्यालयों में नामांकित है या नहीं।
उनका कहना है कि ऐसे छात्र सरकारी स्कूलों से निकाले जाने के डर से लगातार 15 दिनों तक अनुपस्थित नहीं रहते और समय-समय पर स्कूल आते रहते हैं, जबकि वे नियमित रूप से दूसरे निजी स्कूलों में जाते हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ही उन्होंने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है।
केके पाठक की ओर से जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में यह भी कहा गया कि सरकारी स्कूलों में नामांकित कुछ छात्रों के राज्य से बाहर रहने की जानकारी है। आपको बता दें कि पिछले महीने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई थी कि कई बच्चों ने दो स्कूलों में नामांकन कराया है, इसके कारण Bihar School Examination Board के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रहती है।
दोबारा नामांकन के लिए क्या करना होगा?
अगर किसी बच्चे को BSEB Bihar Board School से निकाल दिया गया है और वह दोबारा पढ़ाई के लिए आता है तो उसका दोबारा नामांकन कराया जाएगा, इसके लिए अभिभावक से शपथ पत्र लिया जाएगा।
अभिभावकों को यह लिखकर देना होगा कि उनका बच्चा नियमित रूप से स्कूल आएगा, इसके बाद ही उनका दोबारा नामांकन होगा।
इन जिलों में सबसे ज्यादा नाम कटे
जिलों से मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा नाम पश्चिमी चंपारण और अररिया जिले में काटे गये हैं। यहां करीब 10-10 हजार बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया गया है।
वहीं, पटना के स्कूलों से 7 हजार छात्रों के नाम हटा दिए गए हैं, प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन रद्द होने की संख्या अधिक है।
School me class nahi hai teachar nahi
ऐसे स्कूलों में बोर्ड द्वारा निरक्षण किया जा रहा हैं।