Bihar Board News जिले के सरकारी स्कूलों में लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का नामांकन अब रद्द कर दिया जायेगा। सभी स्कूलों में छात्रों की 75 फीसदी उपस्थिति भी अनिवार्य कर दी गई है। शिक्षकों से दस फीसदी स्कूलों में जहां विद्यार्थियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत है। वहां शिक्षकों को बच्चों के अभिभावकों से बातचीत कर उपस्थिति बढ़ाने पर जोर दिया गया है। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक अब विद्यार्थियों को हर दिन होमवर्क देंगे, ताकि बच्चों की पढ़ाई में सुधार हो सके। इसे अनिवार्य कर दिया गया है, Bihar Education Department के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में डीईओ को निर्देश जारी किया है।
डीईओ को हर दिन शाम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसकी रिपोर्ट देने को कहा गया है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, पटना द्वारा तैयार कैलेंडर के अनुसार बच्चों की साप्ताहिक परीक्षा ली जा रही है। साथ ही मासिक परीक्षा लेने का भी निर्देश है, स्मार्ट क्लास का संचालन प्रतिदिन करना होगा। इसके लिए नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करने को कहा गया है।
मौजूदा समय में स्कूलों में छात्रों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। डीईओ ने कहा कि जो बच्चे सिर्फ सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए स्कूल में दाखिला लेते थे, वे अब लाभ से वंचित हो जायेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है, सरकारी स्कूलों में कई ऐसे बच्चे हैं जो निजी स्कूलों में पढ़ते हैं और योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्होंने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है। कहा गया है कि लगातार तीन दिनों तक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को प्राचार्य नोटिस भेजेंगे। 15 दिनों तक लगातार स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया जायेगा।
स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का नाम काटा जाएगा | Bihar Board News
अब सरकारी स्कूलों में लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया जायेगा, उसका नाम स्कूल से काट दिया जायेगा।
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— BsebResult.In (@BsebResult) September 6, 2023
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नये आदेश से स्कूली बच्चों के अभिभावकों में हड़कंप मच गया है। Bihar Board News शिक्षा विभाग ने पहले ही स्कूल में कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दी है, अब स्कूलों के एचएम को इस नियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षा विभाग के आदेश से सभी एचएम को अवगत करा दिया गया है। Bihar Board News इस आदेश के पीछे शिक्षा विभाग का मकसद स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाना है, बच्चों के अनुपस्थित रहने पर उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। इस आदेश के बाद जहां बच्चे स्कूल आने के लिए प्रेरित होंगे वहीं अभिभावक भी सतर्क रहेंगे।
हर छात्र को ट्रैक किया जाएगा
अब Bihar School Examination Board के स्कूल के हर छात्र पर नजर रखने की जिम्मेदारी BEO को दी गई है। इसमें यह देखने को कहा गया है कि छात्र ने दो स्कूलों में अपना नाम तो नहीं लिखवाया है. साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि मॉनिटरिंग से पता चलेगा कि स्कूल डीबीटी लेने के लिए बीच में तो नहीं आ रहा है। ऐसे छात्रों को चिह्नित कर उनका नामांकन भी रद्द कर दिया जायेगा, नामांकन रद्द होने से विभागीय धन की भी बचत होगी।
नवहट्टा बीईओ सत्यप्रकाश सिंह ने कहा, “इस तरह के निर्देश से अब सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए स्कूल में नामांकन कराने वाले बच्चों को वंचित होना पड़ेगा। निर्देश के अनुपालन की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।”
आरडीडी, डीईओ और डीपीओ पांच-पांच स्कूलों को गोद लें
KK Pathak ने बिहार के सभी जिलों के डीएम को भेजे पत्र में कई दिशा-निर्देश दिये हैं। साथ ही सभी डीईओ-डीपीओ और आरडीडीई को पचास प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले स्कूलों को गोद लेने को कहा गया है। डीएम को लिखे पत्र में के पाठक ने कहा है कि 1 जुलाई 2023 से सभी सरकारी स्कूलों में निगरानी की व्यवस्था की गयी है।
जिसके तहत लगातार स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है, 23 जुलाई 2023 से अब तक 50 फीसदी से कम उपस्थिति वाले स्कूलों की संख्या लगातार घट रही है। हालांकि अभी भी 10 फीसदी स्कूल ऐसे हैं जहां उपस्थिति 50 फीसदी से कम है, यही चिंता की बात है।