Bihar Public Service Commission द्वारा स्कूल शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए परीक्षा के बाद अब अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच और ओएमआर शीट की स्कैनिंग का काम चल रहा है, इस काम में स्कूल के शिक्षकों को भी लगाया गया है। लेकिन अब शिक्षा विभाग के पदाधिकारी, कर्मी व शिक्षकों को इन कार्यों में नहीं लगाया जायेगा।
बिहार राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बुधवार को सभी जिलाधिकारियों को इस आशय का पत्र जारी किया है। वहीं, इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी इस काम के लिए शिक्षकों की नियुक्ति पर नाराजगी जताते हुए निर्देश दिये थे।
बीपीएससी सचिव को लिखा पत्र, अधिकारी लौटायें
दरअसल, विभिन्न जिलों के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि शिक्षकों के सत्यापन कार्य में शामिल होने के कारण उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस पर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट किया. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया लाल श्रीवास्तव ने BPSC Certificates Verification के सचिव से कहा है कि शिक्षक अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन में शिक्षकों और शिक्षा पदाधिकारियों को नहीं लगाया जा सकता है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीएम को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि, ओएमआर सीट के प्रशिक्षण के लिए बीपीएससी द्वारा शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं की जाये और स्कैनिंग के लिए बिहार शिक्षा सेवा के पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाये।
स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए चल रही कई व्यवस्थाएं
मुख्य सचिव ने जिलों को लिखे पत्र में कहा है कि वर्तमान में राज्य के सभी हिस्सों में सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
इसमें Bihar Education Department | BPSC Certificates Verification के सभी पदाधिकारियों, कर्मियों एवं शिक्षकों के माध्यम से विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं, शिक्षा विभाग द्वारा इस पर कड़ी नजर रखी जा रही है। ऐसे में लगता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों व शिक्षकों को उस कार्य से मुक्त कर दिया जाये।
सत्यापन कार्य में अन्य विभागों के कर्मियों को लगाने को कहा
मुख्य सचिव ने अपने पत्र में कहा है कि यह कार्य शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों, कर्मियों एवं शिक्षकों को छोड़कर जिले के किसी भी विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों से कराया जाये। जिलाधिकारियों से कहा गया है कि इन कार्यों को समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार निष्पादित करने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की आवश्यकता का आकलन करने के बाद इस संबंध में अलग से संशोधित आदेश जारी किया जाएगा।
ओएमआर सीट स्कैनिंग में शिक्षा विभाग के लोगों को लगाना उचित नहीं है
मुख्य सचिव ने कहा कि चूंकि यह मामला शिक्षा विभाग के अंतर्गत BSEB Bihar Board | BPSC Certificates Verification स्कूल शिक्षक के पद पर नियुक्ति से संबंधित है, इसलिए यह काफी संवेदनशील है। इस आलोक में प्रमाणपत्रों के सत्यापन एवं ओएमआर सीटों की स्कैनिंग के कार्य में शिक्षा विभाग के लोगों को प्रतिनियुक्त करना उचित प्रतीत नहीं होता है।
Bihar School Examination Board द्वारा पिछले कई वर्षों से किये जा रहे बारकोडिंग से संबंधित कार्य की संवेदनशीलता को देखते हुए विशेषकर शिक्षा विभाग के कर्मियों को ऐसे कार्य से अलग रखा जाता है।
केके पाठक ने दस्तावेजों का सत्यापन कार्य नहीं करने का निर्देश दिया था
इससे पहले मंगलवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव KK Pathak ने निर्देश दिया था कि शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक बीपीएससी के लिए दस्तावेजों का सत्यापन नहीं करेंगे, उन्हें उनके मूल काम पर वापस लाया जाएगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र लिखा था।