बिहार में गरीब परिवार के हर सदस्य को नीतीश सरकार 2 लाख रुपये देगी, इन परिवारों की संख्या 94 लाख 33 हजार 312 है। इनका डेटा जाति आधारित जनगणना के दौरान इकट्ठा किया गया है, Bihar Government Scheme update मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में इन गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी, इसके बाद 16 जनवरी यानी मंगलवार की शाम कैबिनेट की बैठक में गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। इससे सभी वर्ग के गरीब परिवारों को लाभ होगा।
यह रकम तीन किस्तों में दी जाएगी, यानी पहली किस्त में 25 फीसदी, दूसरी में 50 फीसदी और तीसरी किस्त में 25 फीसदी रकम दी जाएगी।
बिहार के हर गरीब परिवार को 2-2 लाख रुपये मिलेंगे | Bihar Government Scheme update
बिहार के 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवारों के प्रत्येक सदस्य को 2 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। यह सभी वर्ग यानी सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, एससी और एसटी वर्ग के लोगों को दिया जाएगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी, बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।
2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 नवंबर 2023 को विधानसभा में इसकी घोषणा की थी, Bihar Government Scheme update उन्होंने कहा था कि जाति आधारित गणना में बिहार में सभी वर्गों को मिलाकर लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाए गए हैं, जिन्हें 2 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। उनमें से प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए किस्तों में प्रदान किया जाता है।
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि 63,850 बेघर और भूमिहीन परिवारों को जमीन खरीदने के लिए दिए जाने वाले 60 हजार रुपये की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही इन परिवारों को घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे। झोपड़ियों में रहने वाले 39 लाख परिवारों को भी पक्का मकान उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
सतत आजीविका योजना के तहत अब अत्यंत गरीब परिवारों की मदद के लिए एक लाख की जगह दो लाख रुपये दिये जायेंगे, इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। चूंकि इन कार्यों के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता है, इसलिए इन्हें 5 वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।