आज हम इस पोस्ट में दीर्घ स्वर कितने होते हैं (Dirgh Swar Kitne Hote Hain)? दीर्घ स्वर किसे कहते हैं? इत्यादि के बारे में विस्ताररूप से चर्चा करने जा रहे हैं। अगर आप भी इंटरनेट पर दीर्घ स्वर के बारे में सर्च कर रहे हैं, और दीर्घ स्वर संधि के उदाहरण के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो ये आर्टिकल निचे तक अवश्य ही पढ़ें।
दीर्घ स्वर के बारे में बताने से पहले हम आपको पहले स्वर के बारे में बता दें चाहते हैं। क्यूंकि दीर्घ स्वर के ही तीन भेद में से एक भेद हैं। वो सभी वर्ण जिनको उच्चारित करते वक़्त किसी अन्य दूसरे वर्ण की मदद की आवश्यकता नहीं पड़ती हो, उनको स्वर कहा जाता हैं।
स्वर के उच्चारण में तालु, कंठ का प्रयोग किया जाता हैं, स्वर को उच्चारित करते समय जिह्व/जीभ या होठ का प्रयोग नहीं होता हैं। हम आपको बता दें की, हिंदी वर्णमाला में कुल 16 स्वर होते हैं जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं जैसे: अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, ऋ, ॠ, ऌ और ॡ।
Dirgh Swar Kitne Hote Hain
वे सभी स्वर जिनको उच्चारित करने वक़्त में (Dirgh Swar Kitne Hote Hain) ह्रस्व स्वर से दोगुना यानि ज्यादा समय लगता है, उन सभी स्वरों को दीर्घ स्वर कहा जाता हैं। अगर यही आसानी भाषा में बोले तो, स्वरों के उच्चारण में जयदा वक़्त लगता हो, उनको दीर्घ स्वर कहा जाता हैं। दीर्घ स्वर के कुल सात भेद होते हैं, जो निम्नलिखित हैं: आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, और औ।
हम आपको ये भी बताना चाहेंगे की, बहुत सरे लोग दीर्घ स्वर को इसके दूसरे नाम से भी जानते हैं। जोकि, आपको जरूर पता होना चाहिए, दीर्घ स्वर का दूसरा नाम द्विमात्रिक स्वर भी हैं।
जैसा के हमने आपको ऊपर में ही बताया की, हिंदी व्याकरण के पुस्तकों के आधार पर,दीर्घ स्वरों की कुल संख्या सात की होती हैं। साथ ही हम आपको बता दें की, हिंदी वर्णमाला में टोटल 11 स्वर होते हैं, और उनमें से आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ और औ यानि की कुल चार (7) (Dirgh Swar Kitne Hote Hain) दीर्घ स्वर शामिल होते हैं।
दीर्घ स्वर कितने होते हैं
अ + अ = | आ |
इ + इ = | ई |
उ + उ = | ऊ |
अ + इ = | ए |
अ + ए = | ऐ |
अ + उ = | ओ |
अ + ओ = | औ |
दीर्घ स्वर संधि के उदाहरण
जैसे की, आपको पता ही है की, आ का मात्रा ा जैसे काम। वहीं ई का मात्रा ी है जैसे की इसका उदाहरण में से एक खीर हैं। और ऊ का मात्रा ू है जैसे की इसका उदाहरण में से एक भूल हैं। एवं ए का मात्रा े है जैसे की इसका उदाहरण में से एक केश होता हैं।
वहीं ऐ का मात्रा ै है जैसे की इसका उदाहरण में से एक दैनिक होता हैं। और ओ का मात्रा ो है जैसे की इसका उदाहरण में से एक चोर हैं। और वहीं औ का मात्रा ौ जैसे की इसका उदाहरण में से एक चौखट होता हैं।
आप इसका ध्यान अवश्य रखें कि, इन शब्दों को उच्चारित करते वक़्त ह्रस्व स्वर से दुगुना वक़्त दें. तभी जाकर आपका उच्चारण सही होगा।
Last Word:
हमें पूर्ण उम्मीद हैं कि, हमारा ये आर्टिकल आपको अवश्य ही पसंद आया होगा और साथ ही आपको लाभदायक भी लगा होगा।
तो दोस्तों, अब आप अच्छे से समझ गए होंगे के दीर्घ स्वर उस स्वर को बोला जाता हैं, जिनको बोलते में ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगता हो। और साथ ही इसके कुल संख्या 7 की होती हैं जो निम्नलिखित — आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, और औ। इसके शाब्दिक उदाहरण काम, खीर, भूल, केश, दैनिक, चोर और चौखट हैं।
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“अं” स्वर नहीं अयोगवाह, अनुस्वार है और “अं” के उच्चारण में होठ का प्रयोग हो रहा है।
“अः” भी विसर्ग है।